कोलकाता , नवंबर 27 -- पश्चिम बंगाल अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने एक साइबर धोखाधड़ी मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है जिन पर कोलकाता के एक डॉक्टर राजकुमार भट्टाचार्य को लगभग 36 लाख रुपये का चूना लगाने का आरोप है।

यह धोखाधड़ी एक फर्जी निवेश के माध्यम से की गई, जिसमें प्रसिद्ध वित्तीय सेवा फर्म "5पैसा कैपिटल" की ब्रांडिंग और नाम का गलत उपयोग किया गया, जिससे पीड़ित को विश्वास हो गया कि वह वैध स्टॉक-मार्केट निवेश कर रहा है।

यह मामला पहली बार तब सामने आया जब भट्टाचार्य को पता चला कि ऐप के माध्यम से दिए गए रिटर्न फर्जी थे, जिसके बाद उन्होंने बारासात साइबर अपराध विभाग से संपर्क किया।

हालांकि जांच में जब विभिन्न क्षेत्रों में फैले एक जटिल, बहुस्तरीय धोखाधड़ी नेटवर्क का पता चला जिसमें कई लोग शामिल थे, तब कलकत्ता उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि जांच सीआईडी, पश्चिम बंगाल को सौंपी जाए।

सीआईडी अधिकारियों के अनुसार, पीड़ित को शुरुआत में फेसबुक पर एक भ्रामक विज्ञापन के माध्यम से झांसे में लिया गया। विज्ञापन में खुद को विशेषज्ञों द्वारा निर्देशित निवेश के अवसरों का माध्यम बताया गया। इस पर क्लिक करने के बाद, भट्टाचार्य एक व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ गए, जो शेयर बाज़ार प्रशिक्षण एवं चुनिंदा निवेश सुझाव देने का दावा करता था।

यह समूह धोखेबाजों के लिए एक मुखौटा के रूप में कार्य करता था, जो फर्जी लाभ स्क्रीनशॉट, सुनियोजित चर्चाओं एवं नकली प्रशंसापत्रों के माध्यम से धीरे-धीरे विश्वास एवं विश्वसनीयता प्राप्त करते थे।

लगभग दो महीने की अवधि में, ठगों ने डॉक्टर को विभिन्न खातों में दस अलग-अलग रकम जमा करने के लिए राजी किया, प्रत्येक जमा निवेश को ज्यादा बड़ा करने या उच्च लाभ मार्जिन प्राप्त करने के बहाने से करवाया गया।

डॉक्टर को जब तक एहसास हुआ कि उन्हें गुमराह किया जा रहा है, तब तक उनसे लगभग 36 लाख रुपये ठगें जा चुके थे। पैसों के लेन-देन का पता लगाने के बाद, सीआईडी ने पिछले दो सालों में कई गिरफ्तारियाँ कीं। पहली सफलता मार्च 2024 में दक्षिण कोलकाता के अलीपुर से देबाशीष रॉय की गिरफ्तारी के साथ मिली, उसके बाद जून में प्रोसेनजीत रंजन नाथ की गिरफ्तारी हुई।

मामला सीआईडी को स्थानांतरित होने के बाद इस धोखाधड़ी के पीछे संगठित सिंडिकेट की ज्यादा व्यापक एवं समन्वित जांच संभव हो सकी।

सीआईडी को उनसे पूछताछ करने के बाद अहम सुराग मिले, जिससे जांचकर्ताओं को रैकेट के अन्य सदस्यों तक पहुंचने में मदद मिली। इस साल की शुरुआत में, सीआईडी की टीमों ने एक निजी क्षेत्र के बैंक कर्मचारी अमित घोष के साथ-साथ गार्डन रीच से रेयाज़ अहमद को भी गिरफ्तार किया। सबसे हालिया गिरफ्तारी असम के दिसपुर से सिद्दीक अली की हुई।

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