कोलकाता , अक्टूबर 16 -- प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पश्चिम बंगाल में कथित बड़े पैमाने पर रेत तस्करी और इसके धन के लेन-देन की जाँच के सिलसिले में गुरुवार को कोलकाता और मेदिनीपुर सहित कई स्थानों पर नए सिरे से तलाश अभियान शुरू किया।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक ईडी के अधिकारियों ने कथित रेत तस्करी और इसके धन के लेन-देन के सिलसिले में कोलकाता के लाल बाजार के पास बेंटिंक स्ट्रीट, लालगढ़ और झारग्राम जिले के गोपीबल्लवपुर में कम से कम सात स्थानों पर व्यापारियों और उनके कर्मचारियों की संपत्तियों, कार्यालयों और गोदामों पर छापेमारी की। पश्चिम बर्धमान जिले के आसनसोल में एक व्यवसायी के आवास पर भी छापेमारी की रिपोर्टें है।
ईडी की यह छापेमारी भ्रष्टाचार विरोधी संघीय एजेंसी द्वारा 9 सितंबर को लगभग 20 स्थानों पर की गई छापेमारी के लगभग पाँच सप्ताह बाद हुई है, जिसमें जाँचकर्ताओं ने कथित तौर पर कई आपत्तिजनक दस्तावेज़ और नकदी जब्त की थी।
सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय सशस्त्र बलों की सहायता से ईडी अधिकारियों ने आज कथित रेत खनन और सत्ताधारी लोगों के समर्थन से नदी के मार्गों को नुकसान पहुँचाने वाले प्राकृतिक संसाधनों की तस्करी में शामिल कई व्यापारियों की संपत्तियों पर तलाशी अभियान शुरू किया।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय एजेंसी ने झारग्राम क्षेत्र के लालगढ़ और गोपीबल्लवपुर स्थित एक व्यापारी सौरभ रॉय के घर और गोदामों पर छापेमारी की। नौ सितंबर को ईडी ने छापेमारी के दौरान रॉय की संपत्तियों से कई आपत्तिजनक दस्तावेज़ और धन जब्त किया।
ईडी ने पिछले महीने झारग्राम जिले में घोटाले के एक प्रमुख व्यक्ति शेख जहीरुल की संपत्तियों पर भी छापेमारी की थी।
ईडी के अधिकारियों ने गोपीबल्लवपुर में सुवर्णरेखा नदी के पास स्थित उनके विशाल आवास पर तलाशी ली थी। उन पर अवैध रेत खनन में शामिल होने का आरोप है और उस समय उनके परिसर से भारी मात्रा में नकदी जब्त की गई थी। वह कथित तौर पर गोपीबल्लभपुर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत एक ग्राम पुलिस स्वयंसेवक के रूप में काम करते थे, लेकिन उनकी नौकरी चली गई। ईडी सूत्रों ने बताया कि रेत खनन के धंधे में कथित तौर पर शामिल होने से उसकी जीवनशैली पूरी तरह बदल गई।
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