नई दिल्ली , अक्टूबर 11 -- प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कोलकाता जोनल कार्यालय ने पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित नगरपालिका भर्ती घोटाले में कोलकाता और उसके आसपास के क्षेत्रों में 13 स्थानों पर व्यापक तलाशी अभियान चलाया।
ईडी की टीम ने शुक्रवार को जिन परिसरों पर छापेमारी की उनमें पश्चिम बंगाल के अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के विधायक सुजीत बोस के कार्यालय और उनकी कंपनियों के ठिकाने भी शामिल हैं। तलाशी के दौरान ईडी को कई आपत्तिजनक दस्तावेज, संपत्ति से संबंधित कागजात, डिजिटल उपकरण और 45 लाख रुपये नकद बरामद हुए हैं।
ईडी ने यह जांच कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर शुरू की थी।
उल्लेखनीय है कि ईडी ने 'सोमेन नंदी बनाम द स्टेट ऑफ वेस्ट बंगाल एंड अदर्स' मामले में उच्च न्यायालय में अपनी रिपोर्ट दाखिल की थी, जिसमें नगरपालिका भर्ती में हुई अनियमितताओं का खुलासा किया गया था।
जांच में यह भी सामने आया कि यह घोटाला केवल प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती तक सीमित नहीं है, बल्कि राज्य के कई नगरपालिकाओं जैसे कांचरापाड़ा, न्यू बैरकपुर, कामरहाटी, टिटागढ़, बारानगर, हालीशहर, साउथ डमडम (उत्तर) और दमदम में मजदूर, स्वीपर, क्लर्क, चपरासी, एंबुलेंस अटेंडेंट, असिस्टेंट मिस्त्री, पंप ऑपरेटर, हेल्पर, सेनेटरी असिस्टेंट और ड्राइवर जैसे पदों की भर्ती में भी भारी अनियमितताएं हुईं।
अब तक की जांच में यह पाया गया है कि विभिन्न नगरपालिकाओं के प्रश्नपत्रों की छपाई, ओएमआर शीट की तैयारी, मूल्यांकन और मेरिट लिस्ट बनाने का ठेका एम/एस एबीएस इन्फोज़ोन प्राइवेट लिमिटेड (निदेशक अयन सिल) को दिया गया था। अयन सिल ने अपने पद और अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए ओएमआर शीट में हेराफेरी की और पैसे लेकर अयोग्य उम्मीदवारों की अवैध नियुक्तियां कराईं।
ईडी पहले ही अयन सिल के खिलाफ विशेष पीएमएलए अदालत, कोलकाता में अभियोजन शिकायत दाखिल कर चुकी है। इससे पहले भी ईडी ने मंत्री सुजीत बोस, खाद्य आपूर्ति मंत्री रथिन घोष और अन्य नगर निगम अधिकारियों के परिसरों पर तलाशी की थी।
एजेंसी ने बताया कि मामले में आगे की जांच की जा रही है।
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