कोलकाता , नवंबर 06 -- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि वह तब तक विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के लिए गणना फॉर्म नहीं भरेंगी जब तक राज्य के प्रत्येक नागरिक यह फॉर्म नहीं भर देते।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा, "जब तक बंगाल का प्रत्येक नागरिक फॉर्म नहीं भर देता, मैं अपना फॉर्म नहीं भरूँगी।"उनका यह बयान उनके भवानीपुर निर्वाचन क्षेत्र के बूथ-स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) के उनके आवासीय कार्यालय पर आने के एक दिन बाद आया है।
सुश्री बनर्जी ने स्पष्ट किया कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से फॉर्म प्राप्त नहीं किया। उन्होंने कहा, "कल, बीएलओ हमारे पड़ोस में आए और अपनी ड्यूटी के तहत मेरे आवासीय कार्यालय आए। उन्होंने यहाँ रहने वाले मतदाताओं के बारे में जानकारी एकत्र की और उसके अनुसार फॉर्म छोड़ गए। मुझे व्यक्तिगत रूप से कोई फॉर्म प्राप्त नहीं हुआ।"मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी विपक्षी दलों और मीडिया के एक वर्ग द्वारा किए जा रहे दावों के बीच आई है कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से फॉर्म स्वीकार कर लिया था, जबकि पहले उन्होंने बंगाल में एसआईआर प्रक्रिया का विरोध करने की कसम खाई थी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं ने आरोप लगाया कि सुश्री बनर्जी के कार्य एसआईआर के खिलाफ उनके पहले के रुख के विपरीत हैं।
मुख्यमंत्री ने इन रिपोर्टों को खारिज करते हुए इन्हें 'पूरी तरह से झूठा, भ्रामक और राजनीति से प्रेरित प्रचार' बताया। उन्होंने इस सप्ताह की शुरुआत में रेड रोड स्थित अंबडेकर की प्रतीमा से जोरासांको ठाकुरबाड़ी तक एक विशाल रैली का नेतृत्व किया था, जिसमें उन्होंने 'एसआईआर के माध्यम से एनआरसी को पिछले दरवाजे से लागू करने' के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। उन्होंने बार-बार सवाल उठाया है कि संशोधन केवल विपक्ष शासित और चुनावी राज्यों में ही क्यों किया जा रहा है।
तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री का फॉर्म नहीं भरने का फैसला एसआईआर प्रक्रिया के खिलाफ उनके व्यापक विरोध का हिस्सा है।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित