चेन्नई , अक्टूबर 24 -- दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र अगले दो दिनों में गहरे दबाव के क्षेत्र में और फिर रविवार सुबह तक चक्रवाती तूफान 'मोंथा' में तब्दील हो सकता है।

मौसम विभाग ने शुक्रवार को बताया कि अरब सागर के पूर्व-मध्य और दक्षिण-पूर्व हिस्से में भी एक दबाव का क्षेत्र सक्रिय है। इस बीच उत्तर-पूर्व मानसून के सक्रिय होने और पिछले सप्ताह की भारी वर्षा से कावेरी डेल्टा क्षेत्र में खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा है। ऐसे में चक्रवात 'मोंथा' के असर से तटीय जिलों सहित भीतरी तमिलनाडु में भारी वर्षा की संभावना जतायी गयी है।

समुद्र में ऊंची लहरों और खराब मौसम को देखते हुए मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गयी है। पिछले सप्ताह बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव जब कमजोर होकर आंध्र प्रदेश तट की ओर बढ़ा था तो इससे काफी राहत मिली थी।

गौरतलब है कि थाईलैंड द्वारा सुझाये गये नाम 'मोंथा' का अर्थ थाई भाषा में "सुगंधित फूल" या "सुंदर फूल" होता है।

उत्तर-पूर्व मानसून की सक्रियता के चलते तमिलनाडु के अधिकांश हिस्सों में बारिश हो रही है। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने सचिवालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर सभी जिलों में एहतियाती उपायों की तैयारियों की जानकारी ली है।

इस बीच, विपक्ष ने राज्य सरकार पर वर्षा-पूर्व तैयारी में लापरवाही का आरोप लगाया है, क्योंकि डेल्टा जिलों के प्रत्यक्ष खरीद केंद्रों (डीपीसी) पर किसानों द्वारा भारी मात्रा में रखा गया धान हाल की बारिश से भीग गया हैं।

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