नयी दिल्ली , अक्टूबर 26 -- पूर्वी मध्य अरब सागर और दक्षिण पूर्वी बंगाल की खाड़ी के ऊपर विकसित हो रहे चक्रवाती तंत्र के मद्देनजर भारतीय सेना को 'हाई अलर्ट' पर रखा गया है। अगले 48 घंटों में इस चक्रवात के "मोंथा" के रूप में तब्दील होने की आशंका है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और संबंधित राज्य सरकारों के समन्वय से स्थिति पर कड़ी नज़र रखी जा रही है।

सेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि आज तड़के दो सक्रिय मौसम प्रणालियाँ देखी गईं, जिनमें पूर्वी मध्य अरब सागर पर दबाव और दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी पर गहरा दबाव शामिल है। पूर्व मध्य अरब सागर अवदाब वर्तमान में मुंबई से लगभग 700 किमी पश्चिम-दक्षिण पश्चिम, पंजिम (गोवा) से 760 किमी पश्चिम, लक्षद्वीप से 880 किमी उत्तर पश्चिम और मैंगलोर से 960 किमी पश्चिम-उत्तर पूर्व में स्थित है। अगले 24 घंटों के दौरान इसके पूर्व मध्य अरब सागर में पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है।

इसके अलावा दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी पर बना गहरा दबाव का क्षेत्र पोर्ट ब्लेयर से लगभग 610 किलोमीटर पश्चिम में, चेन्नई से 790 किलोमीटर पूर्व-दक्षिणपूर्व में, विशाखापत्तनम से 850 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व में और गोपालपुर (ओडिशा) से 950 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व में स्थित है। अगले 24 घंटों के भीतर इसके दक्षिण-पश्चिम और उससे सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती तूफान में तब्दील होने और 28 अक्टूबर तक उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ते हुए एक गंभीर चक्रवाती तूफान में और मजबूत होने की उम्मीद है।

अनुमान है कि यह प्रणाली 28 अक्टूबर की शाम/रात को तटीय आंध्र प्रदेश, विशेष रूप से मछलीपट्टनम और काकीनाडा के बीच के क्षेत्र को एक गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में प्रभावित करेगी। इस दौरान तेज हवाएं 90-100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं।

भारतीय सेना ने प्रभावित होने की आशंका वाले सभी क्षेत्रों में अपनी आपदा प्रतिक्रिया टुकड़ियों (डीआरसी) को सक्रिय कर दिया है, ताकि राज्य प्रशासन और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के साथ समन्वय में त्वरित तैनाती सुनिश्चित की जा सके। विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में समर्पित और आरक्षित टुकड़ियों को तैनात किया गया है, जिनमें कर्नाटक , केरल , आंध्र प्रदेश ,तेलंगाना , तमिलनाडु , लक्षद्वीप और मिनिकॉय द्वीप समूह और पश्चिम बंगाल में शामिल हैं।

यह सक्रिय तैनाती प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए सेना की तैयारी को दर्शाती है।

एनडीएमए, राज्य आपदा प्राधिकरणों और आईएमडी के साथ सेना के परिचालन और रसद नियंत्रण कक्ष लगातार स्थिति की निरंतर निगरानी कर रहे हैं।

आंध्र प्रदेश की गृह मंत्री वी. अनिता ने बताया कि चक्रवात माेंथा के मद्देनजर सरकारी मशीनरी को हाई अलर्ट पर रखा गया है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को ज़रूरत पड़ने पर तुरंत कार्रवाई के लिए तैयार रखा गया है।

गृह मंत्री ने राजधानी विजयवाड़ा में अधिकारियों के साथ बैठक की और चक्रवात के कारण जान-माल के नुकसान को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा की।

उन्होंने बताया कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना गहरा दबाव क्षेत्र तीव्र होकर एक भीषण चक्रवाती तूफान "माेंथा" में बदल गया है और इसके 28 अक्टूबर की शाम या रात को मछलीपट्टनम और काकीनाडा के बीच तट को पार करने की उम्मीद है। तटीय आंध्र प्रदेश के जिलों में 27 और 28 अक्टूबर को भारी बारिश होगी। उन्होंने कहा, "100 किलोमीटर की रफ़्तार से तेज़ हवाएँ चलेंगी।"उन्होंने तटीय आंध्र प्रदेश के ज़िलों के लोगों से घरों के अंदर ही रहने को कहा। राज्य सरकार जान-माल के नुकसान को रोकने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि बड़े-बड़े होर्डिंग्स हटाए जा रहे हैं और मछुआरों को मछली पकड़ने के लिए समुद्र में न जाने की चेतावनी दी गई है।

उन्होंने अधिकारियों को चक्रवाती तूफ़ान से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए। गृहमंत्री ने ज़ोर देकर कहा, "एनडीआरडी की छह टीमों, एसडीआरएफ की 13 टीमों और एक हेलीकॉप्टर को तैनाती के लिए तैयार रखा गया है तथा ज़रूरत पड़ने पर अन्य टीमें तैनात की जाएँगी।"मुख्यमंत्री ने मंत्रियों, सचिवों, ज़िला कलेक्टरों और सभी विभागों को प्रभावित इलाकों में तुरंत कार्रवाई के लिए तैयार रहने का आदेश दिया है। उन्होंने अधिकारियों से सैटेलाइट फ़ोन का इस्तेमाल करने को कहा है क्योंकि संचार व्यवस्था बाधित होने की संभावना है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने आंध्र प्रदेश और यानम के लिए चक्रवात अलर्ट (नारंगी संदेश) जारी किया है, क्योंकि दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने गहरे दबाव क्षेत्र के और तीव्र होने के संकेत मिले हैं।

शाम 4 बजे जारी एक विशेष बुलेटिन के अनुसार, यह चक्रवात पिछले छह घंटों के दौरान 5 किमी प्रति घंटे की गति से उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ा और 11.3 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 87.0 डिग्री पूर्वी देशांतर पर केंद्रित था। यह पोर्ट ब्लेयर से लगभग 620 किमी पश्चिम, चेन्नई से 770 किमी पूर्व-दक्षिण-पूर्व, विशाखापत्तनम से 820 किमी दक्षिण-दक्षिण-पूर्व और काकीनाडा से 810 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित है।

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