ढाका , नवंबर 21 -- बंगलादेश के सुप्रीम कोर्ट के अपीलीय डिवीजन ने कार्यवाहक सरकार के प्रावधान को बहाल करते हुए एक औपचारिक फैसला जारी किया, जिसमें संविधान में चुनाव-समय गैर-पक्षपातपूर्ण कार्यवाहक सरकार (एनपीसीजी) प्रणाली के प्रावधान को भावी रूप से बहाल किया गया, जिसे 2011 में प्रधानमंत्री शेख हसीना की तत्कालीन अवामी लीग सरकार द्वारा हटा दिया गया था।
न्यायालय ने घोषणा किया कि एनपीसीजी प्रणाली, जिसे मूल रूप से 1996 के 13वें संविधान संशोधन द्वारा शामिल किया गया था, को "सक्रिय और पुनर्जीवित" किया गया है।
अपनी संतुष्टि व्यक्त करते हुए अदालत ने कहा कि पिछला निर्णय रिकॉर्ड के सामने स्पष्ट रूप से उल्लिखित कई त्रुटियों से भरा हुआ था इसलिए इसे पूरी तरह से खारिज कर दिया गया।
बिजनेस स्टैंडर्ड बीडी के अनुसार, यह आगामी चुनावों के लिए लागू नहीं होगा क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में पूर्ववर्ती कार्यवाहक प्रणाली को तुरंत लागू करने के बजाय धीरे-धीरे और चरणबद्ध तरीके से लागू करने की बात की गई है।
अदालत के निर्देशों के अनुसार, फरवरी 2026 में होने वाले 13वें संसदीय चुनाव वर्तमान अंतरिम सरकार के अधीन होंगे, जबकि उसके बाद होने वाले 14वें राष्ट्रीय चुनावों की देखरेख एक बहाल कार्यवाहक सरकार द्वारा की जाएगी और इस प्रकार आगामी चुनावों के बाद ही इनका पूर्ण कार्यान्वयन और संचालन किया जाएगा।
इस फैसले का बंगलादेश नेशनलिस्ट पार्टी और कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी जमात-ए-इस्लामी दोनों ने स्वागत किया है तथा इसे नागरिकों के मताधिकार की जीत तथा चुनावी विश्वसनीयता को मजबूत करने वाला कहा है।
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