ढाका/नयी दिल्ली , दिसंबर 20 -- बंगलादेश के मयमनसिंह के भालुका इलाके में ईशनिंदा के आरोप में 25 वर्षीय फैक्ट्री कर्मचारी दीपू चंद्र दास की पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में अधिकारियों ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया है।
प्रशासन ने यह कार्रवाई हत्या के दो दिन बाद की है। इस घटना में भीड़ ने दीपू की हत्या कर उसके शव को एक मुख्य मार्ग पर पेड़ से लटकाकर आग लगा दी थी और घटना का लाइव प्रसारण भी किया था।
मयमनसिंह रैपिड एक्शन बटालियन (रैब) के कार्यालय ने शनिवार को बताया कि गिरफ्तार किए गए 10 लोगों में से सात को उसने और तीन अन्य को पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर पकड़ा है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान लिमोन सरकार (19), तारेक हुसैन (19), माणिक मियां (20), इरशाद अली (39), निझुम उद्दीन (20), आलमगीर हुसैन (38), मिराज हुसैन (46), अजमल सगीर (26), शाहीन मियां (19) और नजमुल (21) के रूप में हुई है।
रैब के अपर पुलिस अधीक्षक शम्सुज्जामन ने बताया कि गिरफ्तार व्यक्तियों को कानूनी प्रक्रिया के तहत पुलिस को सौंप दिया जाएगा।
रैब का दावा है कि फैक्ट्री के एक फ्लोर मैनेजर आलमगीर हुसैन ने दीपू चंद्र दास को नौकरी से इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने के बाद उसे आक्रोशित भीड़ के हवाले कर दिया था।
रैब निदेशक नैमुल हसन ने बताया कि इस मामले में फ्लोर मैनेजर और उसी फैक्ट्री के क्वालिटी मैनेजर मिराज हुसैन आकन को भी गिरफ्तार किया गया है। जांचकर्ता इस बात का जवाब खोजने का प्रयास कर रहे हैं कि पुलिस को बुलाने के बजाय युवक को भीड़ के हवाले क्यों किया गया। उन्होंने संदेह जताया कि इसके पीछे पुरानी रंजिश या भीड़ का दबाव उद्देश्य हो सकता है।
इस घटना पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी तीखी प्रतिक्रिया हुई है। लेखिका तस्लीमा नसरीन ने सोशल मीडिया पर लिखा कि एक मुस्लिम सहकर्मी ने मामूली बात पर दीपू को सजा देने के लिए उस पर ईशनिंदा का झूठा आरोप लगाया था।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित