ढाका , दिसंबर 22 -- अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के गठबंधन ने बंगलादेश में प्रमुख मीडिया घरानों 'प्रथम आलो' और 'द डेली स्टार' के कार्यालयों पर समन्वित भीड़ हमलों की कड़ी निंदा की है।

संगठनों ने देश के सबसे महत्वपूर्ण सामाजिक-सांस्कृतिक संस्थानों में से एक 'छायानौत' में की गई तोड़फोड़ की भी आलोचना करते हुए इन घटनाओं को बांग्लादेश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक भागीदारी के लिए गंभीर खतरा बताया है।

सोमवार को जारी एक संयुक्त बयान में संगठनों ने कहा कि 18 दिसंबर को दो मीडिया घरानों और देश के प्रमुख सांस्कृतिक संस्थान पर हुए हमलों ने स्वतंत्र पत्रकारिता, सांस्कृतिक जीवन और नागरिक स्थान के लिए गंभीर खतरा पैदा कर दिया है।

संगठनों ने एक हिंदू नागरिक और कारखाना कर्मचारी दीपू चंद्र दास की हत्या पर भी चिंता व्यक्त की, जिन्हें मैमनसिंह के भालुका में उसी रात धर्म के बारे में 'अपमानजनक टिप्पणी' करने के झूठे आरोपों के कारण भीड़ ने पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी थी और फिर सार्वजनिक रूप से उन्हें जिंदा जला दिया था।

समूहों ने इस बर्बर घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस हत्या ने एक ऐसे माहौल को रेखांकित किया है जिसमें भीड़ की हिंसा, धार्मिक उग्रवाद और असहिष्णुता को बिना दंड और सरकार की कथित उदासीनता के माध्यम से मौन समर्थन मिल रहा है।

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