रांची , दिसंबर 19 -- झारखंड सरकार के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, खाद आपूर्ति एवं आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ. इरफान अंसारी दिल्ली में आयोजित वर्ल्ड मेडिकल समिट में शामिल नहीं हो सके क्योंकि दिल्ली में अत्यधिक वायु प्रदूषण, घने कोहरे और स्मॉग के कारण रांची से दिल्ली जाने वाली कई फ्लाइटें कैंसिल हो गईं हैं।

दिल्ली में आयोजित इस वर्ल्ड मेडिकल समिट में दुनिया के 107 देशों से स्वास्थ्य मंत्री, डॉक्टर, विशेषज्ञ और मेडिकल एक्सपर्ट भाग ले रहे हैं। सम्मेलन में देश के प्रधानमंत्री, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री सहित सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों की भागीदारी प्रस्तावित है। इस अंतरराष्ट्रीय कॉन्क्लेव में डॉ. इरफान अंसारी को भी झारखंड का प्रतिनिधित्व करना था, लेकिन खराब मौसम और दृश्यता में कमी के चलते उनकी फ्लाइट कैंसिल हो गई, जिससे वे सम्मेलन में शामिल नहीं हो पाए।

फ्लाइट रद्द होने के बाद डॉ. इरफान अंसारी ने दिल्ली समेत देश के बड़े महानगरों में लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि प्रदूषण अब केवल पर्यावरण की समस्या नहीं रह गई है, बल्कि यह एक गंभीर स्वास्थ्य और मानवीय संकट का रूप ले चुका है। मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हुए कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए अत्याधुनिक हाई-टेक मशीनों और नई वैज्ञानिक तकनीकों को तत्काल लागू किया जाना चाहिए।

डॉ. अंसारी ने कहा कि हालात इतने भयावह हो चुके हैं कि प्रदूषण के कारण मरीजों की जान तक जा रही है। एयर एम्बुलेंस समय पर उड़ान नहीं भर पा रही है, जिससे गंभीर मरीजों को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले जाना मुश्किल हो गया है। आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं, जिसका सीधा असर आम नागरिकों की जान पर पड़ रहा है।

डॉ अंसारी ने बताया कि प्रदूषण और कोहरे के कारण कई फ्लाइट्स पूरी तरह कैंसिल हो गई हैं, जबकि कुछ उड़ानें घंटों देरी से संचालित हो रही हैं। इससे आम यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मंत्री ने बढ़ते वायु प्रदूषण को सिर्फ पर्यावरण की समस्या नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, परिवहन और जनसुविधाओं से जुड़ा गंभीर संकट बताया।

डॉ. अंसारी ने इसे प्रशासनिक विफलता करार देते हुए कहा कि देश को अब केवल भाषणों की नहीं, बल्कि ठोस और प्रभावी समाधानों की जरूरत है। केवल योजनाओं के नाम बदलने से हालात नहीं सुधरेंगे, बल्कि नई, कारगर और तकनीक आधारित योजनाओं को जमीन पर उतारना होगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अब और देरी नहीं होनी चाहिए, क्योंकि हर पल की देरी किसी न किसी इंसान की जान पर भारी पड़ सकती है।

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