पेरिस , अक्टूबर 06 -- फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नु का इस्तीफा सोमवार को स्वीकार कर लिया।

श्री लेकोर्नु ने सरकार प्रमुख के पद से सोमवार को सुबह ही इस्तीफा दिया था। गौरतलब है कि फ्रांस में दो साल से भी कम समय में पांच प्रधानमंत्रियों ने इस्तीफा दिया है और लेकोर्नु पांचवें ऐसे प्रधानमंत्री हैं। उन्हें पिछले महीने नया सरकार प्रमुख नियुक्त किया गया था।

इस्तीफे की घोषणा के बाद व्यापारिक आंकड़ों के अनुसार डॉलर के मुकाबले यूरो में लगभग 0.7 प्रतिशत की गिरावट आई।

भारतीय मानक समय दोपहर 1:28 बजे तक यूरो-डॉलर विनिमय दर 1.1743 अमेरिकी डॉलर प्रति यूरो से गिरकर 1.1666 अमेरिकी डॉलर प्रति यूरो हो गई, यानी 0.66 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई।

वहीं दोपहर 1:23 बजे तक फ्रांस का सीएसी 40 सूचकांक 1.79 प्रतिशत गिरकर 7,936.87 अंक पर आ गया।

श्री लेकोर्नु ने अपनी नयी सरकार के गठन के कुछ ही घंटों बाद इस्तीफ़ा देकर देश को एक बार फिर से राजनीतिक अनिश्चितता में धकेल दिया था। इस तरह 27 दिनों के कार्यकाल के बाद श्री लेकोर्नु फ्रांसीसी संसदीय इतिहास में सबसे कम समय तक रहने वाले प्रधानमंत्री बन गये हैं।

उग्र-वामपंथी ला फ़्रांस इनसोमिसे (एलएफआई) पार्टी के नेता जीन-ल्यूक मेलेंचन ने राष्ट्रपति मैक्रों को पद से हटाने के लिए एक प्रस्ताव पेश करने की मांग की। एलएफआई की एक प्रमुख सदस्य मथिल्डे पैनोट ने श्री लेकोर्नु के इस्तीफे के बाद श्री मैक्रों के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "उलटी गिनती शुरू हो गई है। मैक्रों को जाना ही होगा।"सितंबर की शुरुआत में श्री मैक्रों ने गहराते राजनीतिक संकट को कम करने के प्रयास में 39 वर्षीय लेकोर्नु को अपने कार्यकाल का सातवां प्रधानमंत्री नियुक्त किया था। फ्रांसीसी राजनीति तब से उथल-पुथल में है जब से श्री मैक्रों ने अपनी सत्ता मजबूत करने की उम्मीद में पिछली गर्मियों में अचानक चुनाव कराने का दांव खेला था। यह कदम उल्टा पड़ गया, जिससे संसद तीन प्रतिद्वंद्वी गुटों में विभाजित हो गई।

रविवार शाम को श्री लेकोर्नु ने राष्ट्रपति मैक्रों द्वारा अपनी नियुक्ति के लगभग चार हफ़्ते बाद अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के नामों घोषणा की। श्री लेकोर्नु का मंत्रिमंडल उनके पूर्ववर्ती श्री फ़्रांस्वा बायरू के मंत्रिमंडल जैसा ही था लेकिन तुरंत ही मतभेद स्पष्ट हो गए। सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल कई पार्टियों के सदस्यों ने बदलाव की कमी पर संदेह और आलोचना व्यक्त की।

दक्षिणपंथी रैसम्बलमेंट नेशनल (आरएन) के अध्यक्ष जॉर्डन बार्डेला ने तुरंत चुनाव कराने की मांग की। उन्होंने ज़ोर देकर कहा, " असेंबली नेशनले को बिना भंग किए और नए चुनाव कराये बगैर देश में स्थिरता वापस नहीं हो सकती है।"श्री लेकोर्नु के दो पूर्ववर्ती श्री फ्रांस्वा बायरू और श्री मिशेल बार्नियर फ्रांस के बजट पर विभाजित संसद में गतिरोध के कारण पद से हटा दिए गए थे। श्री मैक्रों ने राजनीतिक परिदृश्य में सरकार की अपील को व्यापक बनाने की कोशिश करने की बजाय अपने सबसे करीबी सहयोगियों में से एक को चुना।

पिछले एक महीने से श्री लेकोर्नु ने मध्यमार्गी सहयोगियों और विपक्षी नेताओं, वामपंथी और दक्षिणपंथी, दोनों के साथ कई विचार-विमर्श किया। इसका उद्देश्य संसद में एक अनाक्रमण संधि पर सहमति बनाना और बजट को पारित करना है।

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