गोण्डा, अक्टूबर 31 -- केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री और गोण्डा के सांसद कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया ने फोरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर विदेश से भारत के सात राज्यों के पीड़ितों से की गयी करीब 1000 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के हुये मामले में शीघ्र कार्यवाही की बात शुक्रवार को कही हैं lश्री सिंह ने सोशल मीडिया पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से दिये एक इंटरव्यू में कहा कि फोरेक्स ट्रेडिंग घोटाले के मामले में अन्य राज्यों संग यूपी के देवीपाटन मंडल में भी ट्रेडिंग के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले मुख्य आरोपी लविश चौधरी उर्फ नवाब के नेटवर्क की आशंका को लेकर उसके संपर्क में रहने वालों की सख्ती से पड़ताल कराकर कठोरतम कार्यवाही सम्बंधित जांच व सुरक्षा एजेंसियों से करायी जायेगी।

मंत्री ने कहा कि जांच एजेंसियों के माध्यम से पता लगाया जाएगा कि इस मामले के संदिग्धों के आय का श्रोत क्या हैं और उनके पास धन कहां से आ रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा, "हम इसके तह तक जाएंगे। जब दिल्ली से इस पूरे मामले में जांच होगी, तो एक-एक तथ्य और हर बिंदुओं पर मामले की जांच की जाएगी।

कीर्तिवर्धन सिंह ने दृढ़ता से कहा, "हम इस पूरे मामले में लगे हैं और कठोर कार्रवाई करेंगे। हम गोंडा को ठगों और लुटेरों का अड्डा नहीं बनने देंगे।" इस बीच, देवीपाटन मंडल में बैठे शख्स की पहचान अभी तक उजागर नहीं हो पाई है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि वह कहां का रहने वाला है। अब तक केवल कुछ नाम ही सामने आये है, जिसको लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं।

दरअसल , महाराष्ट्र के शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन में कई पीड़ितों ने ओक्टाएफएक्स प्लेटफॉर्म के खिलाफ शिकायत की थी। इनमें कहा गया था कि इस ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ने ज्यादा रिटर्न का वादा कर इनवेस्टर्स के साथ बड़ा फ्रॉड किया है। इस फ्रॉड में कई इनवेस्टर्स की गाढ़ी कमाई स्वाहा हो गई। इस हाईप्रोफाइल मामले में देश के हिमाचल प्रदेश और उत्तरप्रदेश समेत सात राज्यों के हजारों निवेशकों से धोखाधड़ी कर अरबों की काली कमाई करने वाले फॉरेक्स ट्रेडिंग घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की।

ईडी द्वारा चंडीगढ़ से इस घोटाले के मुख्य एजेंटों में से एक हरिंदर पाल सिंह को गिरफ्तार किया जा चुका हैं l विशेष पीएमएलए अदालत चंडीगढ़ ने आरोपी को 9 दिन की ईडी कस्टडी में भेजा। यह मामला क्यूएफएक्स, वाईएफएक्स और बोटब्रो जैसे ऑनलाइन प्लेटफार्मों के जरिए चलाए गए बड़े निवेश धोखाधड़ी से जुड़ा है। ईडी ने जांच की शुरुआत हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में दर्ज कई एफआईआर के आधार पर की थी। इन मामलों में आरोप था कि क्यूएफएक्स ग्रुप ऑफ कंपनियों और उनके एजेंटों ने लोगों को हर महीने तय मुनाफा देने का लालच देकर हजारों निवेशकों से अरबों रुपये ठग लिए।

जांच में खुलासा हुआ है कि इस सिंडिकेट का मास्टरमाइंड नवाब उर्फ लैविश चौधरी है। वह इस समय दुबई से अपने नेटवर्क को चला रहा है। इस गिरोह ने 5 से 6 प्रतिशत मासिक रिटर्न का झांसा देकर देशभर से करोड़ों रुपये जुटाए और अवैध डिपॉजिट स्कीम के जरिए निवेशकों को ठगा।

ईडी की जांच में यह भी सामने आया कि भारत में फंड जुटाने के लिए एजेंटों का एक बड़ा नेटवर्क खड़ा किया गया था। जुटाई गई रकम को कई शेल कंपनियों और पेमेंट गेटवे के जरिए इधर-उधर घुमाया गया ताकि पैसों की असली पहचान छिपाई जा सके। इतना ही नहीं निवेशकों को लगातार भ्रमित करने के लिए हर कुछ महीनों में प्लेटफार्म बदल दिए जाते थे ताकि और ज्यादा लोगों को फंसाया जा सके।

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