मुंबई , दिसंबर 07 -- बीते सप्ताह घरेलू शेयर बाजारों में रही गिरावट के बाद अब निवेशकों की नजर अगले सप्ताह अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक और खुदरा महंगाई के आंकड़ों पर रहेगी।

अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक 09 और 10 दिसंबर को होने वाली है। वहीं, घरेलू स्तर पर खुदरा महंगाई के नवंबर के आंकड़े 12 दिसंबर को जारी होंगे। डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में उतार-चढ़ाव का असर स्पष्ट रूप से बाजारों पर दिखेगा।

औद्योगिक उत्पादन के कमजोर आंकड़ों के बाद पिछले सप्ताह शेयर बाजारों में बिकवाली हावी रही। रुपये की गिरावट से भी निवेश धारणा कमजोर हुई। हालांकि सप्ताह के अंतिम दिन शुक्रवार को रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती से बाजार में रौनक लौट आयी, विशेषकर बैंकिंग कंपनियों में।

गत सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 5.70 अंक की नगण्य बढ़त के साथ 85,712.37 अंक पर बंद हुआ। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी-50 सूचकांक 0.06 प्रतिशत की गिरावट के साथ सप्ताहांत पर 26,186.45 अंक पर बंद हुआ।

मझौली और छोटी कंपनियों पर दबाव ज्यादा रहा। निफ्टी मिडकैप-50 सूचकांक 0.23 प्रतिशत और स्मॉलकैप-100 सूचकांक 1.80 प्रतिशत लुढ़क गया।

सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से 16 में साप्ताहिक गिरावट रही जबकि अन्य 14 में तेजी दर्ज की गयी। इटनरल को सबसे अधिक 2.58 प्रतिशत का नुकसान हुआ। टाइटन का शेयर 2.42 फीसदी, हिंदुस्तान यूनीलिवर का 1.75 और रिलायंस इंडस्ट्रीज का 1.66 प्रतिशत टूट गया।

सप्ताह के दौरान ट्रेंट का शेयर 1.45 फीसदी, सनफार्मा का 1.44, बीईएल का 1.18 और महिंद्रा एंड महिंद्रा का 1.10 फीसदी लुढ़क गया। एनटीपीसी, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स, भारतीय स्टेट बैंक, एलएंडटी और अडानी पोर्ट्स में 0.50 फीसदी की गिरावट रही।

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