श्रीगंगानगर , दिसम्बर 26 -- राजस्थान में श्रीगंगानगर जिले में गंगनहर परियोजना के अध्यक्ष हरविंदरसिंह गिल के कार्यालय में शुक्रवार को महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई।

बैठक का मुख्य मुद्दा पंजाब में स्थित फिरोजपुर फीडर नहर के नवनिर्माण कार्य के दौरान गंगनहर में पानी की प्रस्तावित बंदी था। किसानों ने इस बंदी से उत्पन्न होने वाली संभावित समस्याओं को लेकर अपनी मांगें रखीं और विधायक को एक लिखित ज्ञापन सौंपा। बैठक करीब 40 मिनट तक चली, जिसमें किसानों की मुख्य चिंताओं पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में सादुलशहर के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक गुरवीरसिंह बराड़ और किसानों के प्रमुख संगठन ग्रामीण मजदूर किसान समिति (जीकेएस) के पदाधिकारी शामिल हुए।

जीकेएस के प्रदेश महासचिव एवं पूर्व सरपंच संतवीरसिंह मोहनपुरा ने बताया कि यह बैठक इसलिए बुलाई गई क्योंकि विधायक गुरवीर सिंह बराड शनिवार को जयपुर जा रहे हैं, जहां उनकी मुख्य सिंचाई सचिव अभय कुमार, मुख्य अभियंता अमरजीत मेहरड़ा और सिंचाई मंत्री से बैठक प्रस्तावित है। जयपुर में होने वाली इस बैठक से पहले किसानों ने अपनी मांगों को मजबूती से रखने के लिए विधायक से मुलाकात की।

बैठक के दौरान सौंपी गई प्रमुख मांगों में फिरोजपुर फीडर नहर की प्रस्तावित बंदी 15 जनवरी से शुरू करने के बजाय कम से कम एक फरवरी या उसके बाद करवाने, बंदी से पहले गंगनहर को उसके तय हिस्से से अतिरिक्त पानी उपलब्ध कराने के अलावा बंदी के दौरान वैकल्पिक जल आपूर्ति की पूर्ण व्यवस्था पहले से सुनिश्चित करने औँर प्रस्तावित वैकल्पिक स्रोत हुसैनीवाला बैराज से पुरानी बीकानेर नहर और पुरानी पूर्वी नहर के माध्यम से पानी उपलब्ध कराना शामिल है।

संतवीरसिंह मोहनपुरा ने स्पष्ट किया कि यदि उपरोक्त सभी मांगों को पूरा किया जाता है, तभी जीकेएस फिरोजपुर फीडर नहर की प्रस्तावित बंदी पर अपनी सहमति देगी। इन मांगों को नजरअंदाज करके बंदी लागू की गई तो संगठन इसका कड़ा विरोध करेगा और आवश्यक कदम उठाएगा।

विधायक गुरवीरसिंह बराड़ ने बैठक में किसानों को विश्वास दिलाया कि उनकी सभी मांगें राज्य सरकार, सिंचाई विभाग और पंजाब सरकार के समक्ष मजबूती से रखी जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार किया जाएगा और किसानों के हितों की रक्षा प्राथमिकता होगी। विधायक ने आश्वासन दिया कि जयपुर में होने वाली बैठक में इन मांगों को प्रमुखता से उठाया जाएगा।

बैठक के बाद संत वीर सिंह ने बताया कि सरकार और नहरी विभाग द्वारा लिए जाने वाले निर्णय के आधार पर आने वाले दो-तीन दिनों में जीकेएस, अखिल भारतीय किसान सभा और किसान संघर्ष समिति की संयुक्त बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में आगे की रणनीति तय की जाएगी और जरूरी हुआ तो विरोध प्रदर्शन या अन्य कदमों पर विचार किया जाएगा।

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