नागपुर , अक्टूबर 20 -- महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पिछली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार ने स्थानीय निकाय चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को उनके उचित आरक्षण से वंचित करने का प्रयास किया था।

उन्होंने कहा कि वर्तमान भारतीय जनता पार्टी नीत राज्य सरकार ने ओबीसी के लिए 27% आरक्षण सुनिश्चित करके इस समस्या को ठीक किया है।

नागपुर में एक सार्वजनिक समारोह में बोलते हुए श्री फडणवीस ने कहा, "पिछली सरकार ने ओबीसी को आरक्षण के दायरे से बाहर करने की सोची-समझी योजना बनाई थी। हमारी सरकार ने इसका पर्दाफ़ाश किया और आरक्षण बहाल किया।"श्री फडणवीस ने यह भी स्पष्ट किया कि मराठा आरक्षण मुद्दे का समाधान ओबीसी कोटा को प्रभावित किए बिना किया गया। उन्होंने कहा कि हमने ओबीसी के हितों की पूरी तरह रक्षा करते हुए मराठा समुदाय को न्याय दिलाया है।

ओबीसी कल्याण के लिए राज्य सरकार की पहलों पर प्रकाश डालते हुए श्री फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र के इतिहास में पहली बार एक समर्पित ओबीसी कल्याण विभाग की स्थापना की गई है। उन्होंने ओबीसी समुदायों के आर्थिक और सामाजिक उत्थान के उद्देश्य से कई योजनाओं की घोषणा की।

श्री फडणवीस की टिप्पणी उच्चतम न्यायालय के हालिया फैसले के मद्देनजर आई है जिसने स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी कोटा बहाल करने की अनुमति दी जो महाराष्ट्र में राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दा है।

मुख्यमंत्री के बयानों को आगामी नगर निकाय चुनावों से पहले ओबीसी मतदाताओं के बीच अपना समर्थन मजबूत करने के सत्तारूढ़ भाजपा के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

कार्यक्रम में उपस्थित महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री और नागपुर जिले के संरक्षक मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने आरोप लगाया कि एमवीए सरकार ने ओबीसी कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की है। उन्होंने दावा किया की श्री ठाकरे के कार्यकाल के दौरान ओबीसी अधिकारों के लिए लड़ने वाले 500 से अधिक लोगों को जेल में डाल दिया गया था।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित