बेंगलुरु , अक्टूबर 20 -- कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने सोमवार को आरोप लगाया कि भारत की अर्थव्यवस्था एवं कर राजस्व में कर्नाटक का महत्वपूर्ण योगदान के बावजूद केन्द्र सरकार राजकोषीय मामलों में राज्य के साथ भेदभाव कर रही है।
श्री खरगे ने कहा कि कर्नाटक को केंद्र से अपर्याप्त वित्तीय सहायता मिलने से परेशानी हो रही है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, "हालांकि हम सबसे अधिक जीएसटी संग्रह करने वाले राज्यों में से एक हैं और सबसे अधिक आईटी भुगतान करने वाले राज्य हैं लेकिन जब धन और करों के हस्तांतरण की बात आती है तो कर्नाटक के साथ हमेशा अनुचित व्यवहार किया जाता है। हमें पर्याप्त धन न देकर हमारा दमन किया जा रहा है।"देश के प्रौद्योगिकी निर्यात में कर्नाटक की अग्रणी स्थिति और भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 8.9 प्रतिशत से अधिक के योगदान पर प्रकाश डालते हुए श्री खरगे ने आरोप लगाया कि राज्य को केंद्रीय निधि हस्तांतरण एवं आपदा राहत सहायता में कम आवंटन प्राप्त होता है। उन्होंने आगे कहा, "एनडीआरएफ के नए मानदंडों के अंतर्गत भारी नुकसान की रिपोर्ट के बावजूद हमें जो मिलता है वह पर्याप्त नहीं है। भाजपा शासित राज्यों को ज़्यादा मिलता है जबकि एनडीए से गठबंधन न करने वाले राज्यों को हमेशा कम मिलता है।"इससे पहले उद्योग जगत के नेता और इंफोसिस के पूर्व निदेशक टीवी मोहनदास पई ने राज्य सरकार के आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि राजकोषीय ढांचा और कर हस्तांतरण संवैधानिक प्रक्रिया के माध्यम से निर्धारित होता है न कि राजनीतिक पक्षपात के माध्यम से।
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