जम्मू , अक्टूबर 16 -- केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बुधवार को कहा कि प्रस्तावित किश्तवाड़ हवाई अड्डे को 'उड़ान' (उड़े देश का आम नागरिक) योजना में शामिल किया गया है जिससे क्षेत्रीय संपर्क में सुधार होने के साथ ही किफायती हवाई यात्रा की उपलब्धता से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
कठुआ-उधमपुर से सांसद डॉ. सिंह ने बताया कि उधमपुर हवाई अड्डे के परिचालन को अंतिम रूप दे दिया गया है। शुरुआती उड़ानों में एटीआर 72-सीटर वाले विमानों के संचालित होने की उम्मीद है और इसका किराया भी कम कर दिया गया है। इसका उद्देश्य किफायती हवाई यात्रा उपलब्ध कराना है, जिससे दिल्ली-उधमपुर की उड़ानें दिल्ली-जम्मू की उड़ानों की तुलना में काफी सस्ती हो जायेंगी।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हवाई सम्पर्क में सुधार न केवल यात्रियों की सुविधा के लिये बल्कि आर्थिक विकास, पर्यटन और राष्ट्रीय मुख्यधारा के साथ क्षेत्र के बेहतर विकास के लिये भी अहम है। उन्होंने कहा , "उड़ान योजना के तहत हवाई किराये का एक बड़ा हिस्से के रूप में अंतर वित्तपोषण के माध्यम से सब्सिडी दी जायेगी और इससे न केवल उड़ानें अधिक किफायती होंगी, बल्कि दिल्ली-उधमपुर का किराया भी दिल्ली-जम्मू मार्ग की तुलना में काफी कम हो जायेगा।यह छात्रों और युवा पेशेवरों के लिए एक बड़ी राहत होगी, जिन्हें अक्सर यात्रा की ऊंची लागत का सामना करना पड़ता है।"उन्होंने कहा कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने प्रारंभिक परिचालन के लिये अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता के बिना नौवहन और बुनियादी सुविधाओं सहित जरूरी कार्यों के करने पर सहमति जतायी है। उधमपुर में परिचालन का पहला चरण करीब छह महीने में शुरू हो सकता है। उन्होंने बताया कि शुरुआत में हवाईपट्टी को बनाने में कठिनाई का सामना करना पड़ा क्योंकि सेना के कब्जे से बाहर की भूमि बाधा बन रही, जिसका अधिग्रहण करना है और इसकी लागत करोड़ों रुपये थी, लेकिन अब एक व्यावहारिक समाधान खोजने के लिये नये सिरे से व्यवहार्यता और भूमि मूल्यांकन अध्ययन शुरू किये जा रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किश्तवाड़ एक आकांक्षी कृषि जिला है और यहां हवाई अड्डा बनने से क्षेत्र की अर्थव्यवस्था, विशेष रूप से कृषि को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि इससे स्थानीय केसर उत्पादकों और किसानों को व्यापक बाजारों तक पहुंचने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि अगर जरुरत पड़ी तो वह खुद जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री तथा मुख्य सचिव से मिलेंगे और भूमि अधिग्रहण का मामला उठाएंगे।
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