शिमला , अक्टूबर 30 -- हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध लेखक संतराम हरनोट ने राज्य में जाति-आधारित अत्याचारों की बढ़ती घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए लोगों से सामाजिक पूर्वाग्रह त्यागकर आपसी सम्मान और समन्वय के साथ रहने का आग्रह किया है।

श्री हरनोट की यह टिप्पणी शिमला जिले के सुन्नी पुलिस थाने में दर्ज एक शिकायत के मामले में आयी है, जिसमें एक दलित महिला ने द्विज जाति के ग्रामीणों द्वारा जाति-आधारित अपमान और एक साझा जल स्रोत तक पहुंच से वंचित करने का आरोप लगाया है।

श्री हरनोट ने सोशल मीडिया पर लिखा, "हिमाचल में अत्याचार के मामले अचानक क्यों बढ़ रहे हैं? फिर अग्रिम जमानत भी तत्काल करवा लेते हो। न खुद शांति से रहोगे न दूसरों को रहने दोगे। अपने दिमाग से इस नकली ब्राह्मणवाद का मुखौटा उतार दो अब तो। और कई बार यह पंडिताइपन अपने ऊपर ही भारी पड़ जाता है। जीवन बहुत लंबा नहीं। प्यार से रहना सीख लो मित्रों। सब यहीं छूट जाएगा। हिमाचल को अपनी जातिगत वैमनस्यता की सोच से प्रदूषित मत करो।"सुन्नी तहसील के दरांग-सैंज निवासी रीता देवी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि उन पर जातिवादी टिप्पणी की गई और उन्हें साझा जलस्रोत से पानी भरने से रोका गया। पंचायत सदस्यों और स्थानीय पुलिस ने मामले का संज्ञान लिया है और जांच शुरू कर दी है।

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