नयी दिल्ली , अक्टूबर 26 -- प्रसिद्ध वैज्ञानिक प्रो. जयंत विष्णु नार्लीकर को मरणोपरांत विज्ञान रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया है।
विज्ञान के क्षेत्र में देश के सर्वोच्च सम्मान राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार 2025 के ऐलान के साथ ही इसकी घोषणा की गयी। इस सूची में करीब दो दर्जन वैज्ञानिकों को भी अन्य श्रेणी के पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
गौरतलब है कि यह पुरस्कार विज्ञान, प्रौद्योगिकी और प्रौद्योगिकी-आधारित नवाचार के विभिन्न क्षेत्रों में वैज्ञानिकों, प्रौद्योगिकीविदों और नवप्रवर्तकों के उत्कृष्ट और प्रेरणादायक योगदान के लिए देश का सर्वोच्च सम्मान है।
भारत सरकार द्वारा अग्रणी अनुसंधान और प्रेरक उपलब्धियों को मान्यता देने और प्रोत्साहित करने के लिए स्थापित, राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार, चार श्रेणियों में प्रदान किया जाता है। प्रो. जयंत विष्णु नार्लीकर विज्ञान रत्न (वीआर) पुरस्कार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उनके आजीवन उपलब्धियों और योगदान के लिए प्रदान किया गया।
वहीं विज्ञान श्री (वीएस) पुरस्कार विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिये प्रदान किया जाता है। विज्ञान श्री पुरस्कार पाने वालों में डॉ. ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह (कृषि विज्ञान); डॉ. यूसुफ मोहम्मद शेख (परमाणु ऊर्जा); डॉ. के थंगराज (जैविक विज्ञान); प्रो. प्रदीप थलप्पिल (रसायन विज्ञान); प्रो. अनिरुद्ध भालचंद्र पंडित (इंजीनियरिंग विज्ञान); डॉ. एस वेंकट मोहन (पर्यावरण विज्ञान); प्रो. महान एमजे (गणित और कंप्यूटर विज्ञान); श्री जयन एन (अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी) शामिल हैं।
वहीं विज्ञान युवा-शांति स्वरूप भटनागर (वीवाई-एसएसबी) पुरस्कार 45 वर्ष तक की आयु के युवा वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करने और विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में असाधारण योगदान देने के लिये प्रदान किया जाता है। विज्ञान युवा पुरस्कार से डॉ. जगदीस गुप्ता कपुगंती (कृषि विज्ञान); डॉ. सतेन्द्र कुमार मंगरौठिया (कृषि विज्ञान); श्री देबार्का सेनगुप्ता (जैविक विज्ञान); डॉ. दीपा अगाशे (जैविक विज्ञान); डॉ. दिब्येंदु दास (रसायन विज्ञान); डॉ. वलीउर रहमान (पृथ्वी विज्ञान); प्रो. अर्कप्रवा बसु (इंजीनियरिंग विज्ञान); प्रो. सब्यसाची मुखर्जी (गणित और कंप्यूटर विज्ञान); प्रो. श्वेता प्रेम अग्रवाल (गणित और कंप्यूटर विज्ञान); डॉ. सुरेश कुमार (चिकित्सा); प्रो. अमित कुमार अग्रवाल (भौतिकी); प्रो. सुरहुद श्रीकांत मोरे (भौतिकी); श्री अंकुर गर्ग (अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी); प्रो. मोहनशंकर शिवप्रकाशम (प्रौद्योगिकी एवं नवाचार) को सम्मानित किया गया है।
विज्ञान टीम (वीटी) पुरस्कार अरोमा मिशन सीएसआईआर (कृषि विज्ञान) को प्रदान किया गया है। इस श्रेणी में तीन या अधिक वैज्ञानिकों/ शोधकर्ताओं/ नवप्रवर्तकों की टीम को दिया जाता है, जिन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में एक टीम के रूप में काम करते हुए असाधारण योगदान दिया हो।
राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार 13 क्षेत्रों में प्रदान किए जाते हैं: भौतिकी, रसायन विज्ञान, जैविक विज्ञान, गणित एवं कंप्यूटर विज्ञान, पृथ्वी विज्ञान, चिकित्सा, अभियांत्रिकी विज्ञान, कृषि विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार, परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, तथा अन्य संबद्ध क्षेत्र। यह पुरस्कार भारत की वैज्ञानिक उत्कृष्टता और तकनीकी नेतृत्व को राष्ट्रीय विकास के लिए सुदृढ़ करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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