श्रीगंगानगर , दिसम्बर 03 -- राजस्थान में श्रीगंगानगर में पंजाब सीमा से सटे गांव साधुवाली में गंगनहर के किनारे प्रस्तावित गाजर मंडी के निर्माण से प्रभावित किसानों का आंदोलन बुधवार को जिला प्रशासन के साथ सफल वार्ता के बाद स्थगित कर दिया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार किसानों की मुख्य चिंता मंडी की उत्तर दिशा में बनाई जा रही करीब साढ़े तीन किलोमीटर लंबी चारदीवारी से उनके खेतों और ढाणियों तक आवागमन का रास्ता बंद हो जाने की थी। प्रशासन ने आज लिखित समझौते में आश्वासन दिया कि रास्ते का समुचित समाधान होने तक दीवार का निर्माण नहीं किया जाएगा। इस समझौते के बाद प्रस्तावित मंडी स्थल पर भूख हड़ताल पर बैठे किसान संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष अमरसिंह बिश्नोई और संतोष कुमार बिश्नोई को जूस पिलाकर अनशन समाप्त करवाया गया।
वार्ता जिला कलेक्ट्रेट में अपराह्न चार बजे हुई, जिसमें किसान पक्ष से समिति के प्रवक्ता एडवोकेट सुभाष सहगल, गंगनहर परियोजना के पूर्व अध्यक्ष गुरबलपालसिंह संधू, जिलाध्यक्ष अमरसिंह बिश्नोई, राजेंद्र सिहाग, मुकेश पंवार, मांगीलाल सीगड़, संदीप पंवार और राजेंद्र पंवार जैसे प्रतिनिधि शामिल हुए।
प्रशासन की ओर से जिला कलेक्टर डॉ. मंजू की अध्यक्षता में अतिरिक्त जिला कलेक्टर (प्रशासन), अतिरिक्त जिला कलेक्टर (सतर्कता), उपखंड अधिकारी, तहसीलदार, जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता और कृषि उपज मंडी समिति के सचिव सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पांच दिसम्बर को इसी प्रस्तावित गाजर मंडी स्थल पर एक जनसभा को संबोधित करने वाले हैं। इस मंडी की घोषणा इसी वर्ष के बजट भाषण में की गई थी। करीब दो महीने पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा यहां एक सभा आयोजित की गई थी, जिसमें मंडी का शिलान्यास किया गया। किसान संघर्ष समिति का कहना है कि मंडी की उत्तर दिशा में चारदीवारी का निर्माण किसानों की जमीन के साथ-साथ किया जा रहा है, जहां पहले आवागमन का रास्ता मौजूद था। दीवार बनने से यह रास्ता पूरी तरह बंद हो जाएगा और वैकल्पिक मार्ग की कोई व्यवस्था नहीं है।
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