प्रयागराज , अक्टूबर 16 -- उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय के डॉक्टरों ने चिकित्सा इतिहास में नई मिसाल कायम की है।

अस्पताल की कार्डियक कैथ लैब में विशेषज्ञों की टीम ने 21 वर्षीय युवक के दिल में मौजूद छह मिलीमीटर के छेद (वीएसडी) को बिना ओपन हार्ट सर्जरी के सफलतापूर्वक बंद कर दिया। यह प्रयागराज मंडल में पहली बार हुआ है जब किसी मरीज का हृदय छेद इस तकनीक से भरा गया है। मरीज को शुरू में ओपन हार्ट सर्जरी की सलाह दी गई थी, जिससे वह और उसका परिवार काफी तनाव में था लेकिन स्वरूप रानी अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. विमल निषाद और डॉ. वैभव श्रीवास्तव ने अपने अनुभव और विशेषज्ञता के बल पर यह जटिल प्रक्रिया सीधे कैथ लैब में पूरी कर दी।

इस दौरान मरीज का सीना नहीं खोला गया, बल्कि एक पतली नली (कैथेटर) के जरिए दिल तक पहुंचकर विशेष उपकरण से छेद को बंद किया गया। इस प्रक्रिया में टेक्नीशियन ओमवीर और योगेश ने भी अहम योगदान दिया।कार्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्षडॉ. पीयूष सक्सेना ने बताया कि यह प्रयागराज के लिए गर्व का विषय है। अब ऐसे मरीजों को बड़े ऑपरेशन, लंबे इलाज और भारी खर्च से राहत मिलेगी। यह नई तकनीक न सिर्फ सुरक्षित है बल्कि इलाज की प्रक्रिया को भी तेज़ बनाती है। उन्होंने कहा कि स्वरूप रानी चिकित्सालय अब उन चुनिंदा अस्पतालों में शामिल हो गया है, जहाँ हृदय के जन्मजात छेद का इलाज बिना सर्जरी के संभव है।

डॉ. निषाद ने बताया कि यह केस काफी चुनौतीपूर्ण था क्योंकि छेद दिल के अत्यंत संवेदनशील हिस्से में था। टीम ने हर चरण को बारीकी से योजना बनाकर पूरा किया। उन्होंने कहा कि डिवाइस का आकार तय करने और सही स्थिति में लगाने में मामूली गलती भी गंभीर दिक्कत पैदा कर सकती थी, लेकिन टीम ने सटीकता और धैर्य के साथ काम किया। जब मॉनिटर पर दिल का छेद पूरी तरह बंद दिखा, तो सभी के चेहरे पर राहत और खुशी झलक रही थी।

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