अयोध्या , नवंबर 25 -- करोड़ों राम भक्तों के लंबे इंतज़ार और अनेक युगों की आस्था का प्रतीक श्रीराम जन्मभूमि मंदिर अब पूरी भव्यता के साथ पूर्ण रूप से तैयार हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर पर धर्म ध्वजा लगाने अयोध्या पहुँच चुके हैं। वह रोड शो करते हुए करीब आधे घंटे में राम मंदिर पहुँचेंगे।

मंदिर के पूर्ण निर्माण के साथ अयोध्या के सांस्कृतिक, धार्मिक और अवसंरचनात्मक विकास का एक नया अध्याय आरंभ हो गया है। भगवान राम की जन्मस्थली माने जाने वाले इस पावन धाम का वैश्विक स्तर पर धार्मिक महत्व है और नया मंदिर इसे और अधिक सशक्त स्वरूप प्रदान करता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर में 22 फुट ऊंचे धर्मिक ध्वज का "ध्वज आरोहण" करेंगे, जो मंदिर के औपचारिक रूप से पूरी तरह भक्तों के लिए खुलने का प्रतीक है। सनातन परंपरा में ध्वज फहराना देवालय के पूर्ण संचालन और व्यापक दर्शन यात्रा के प्रारंभ का सूचक माना जाता है।

गौरतलब है कि 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति से ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए 2.77 एकड़ जमीन राम मंदिर निर्माण के लिए प्रदान की थी। इस निर्णय ने वर्षों पुराने विवाद का शांतिपूर्ण समाधान करते हुए न्याय, सद्भाव और संवैधानिक मूल्यों को मजबूत किया।

केंद्र सरकार ने 5 फरवरी 2020 को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को अधिकृत किया, जिसने मंदिर निर्माण की संपूर्ण प्रक्रिया को नेतृत्व दिया।

मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागरी शैली में किया गया है। इसे 392 स्तंभों का सहारा प्राप्त है और परिसर में कुल 44 द्वार बनाए गए हैं। भूतल पर स्थित गर्भगृह में बाल स्वरूप में स्थापित रामलला विराजमान हैं। पूर्व दिशा का सिंह द्वार मुख्य प्रवेश है, जहां तक पहुँचने के लिए 32 सीढ़ियाँ बनाई गई हैं।

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