लखनऊ , दिसंबर 22 -- उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा संदीप सिंह ने कहा कि "प्रदेश सरकार का संकल्प है कि प्रत्येक बालिका को गुणवत्तापूर्ण कौशल शिक्षा के साथ आधुनिक और समान अवसरों वाली शिक्षा मिले।
प्रदेश की कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में अध्ययनरत बालिकाओं के लिए विज्ञान और गणित की शिक्षा को अधिक प्रयोगात्मक, रुचिकर और प्रभावी बनाने की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। संदीप सिंह, बेसिक शिक्षा मंत्री, के नेतृत्व में 'लर्निंग बाय डूइंग' कार्यक्रम को लागू किया जा रहा है, जिसके तहत अब छात्राएं केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि प्रयोग, गतिविधि और प्रत्यक्ष अनुभव के माध्यम से विषयों को समझेंगी।
इस पहल के अंतर्गत प्रदेश के सभी केजीबीवी के विज्ञान एवं गणित अध्यापकों का विशेष प्रशिक्षण राज्य ग्रामीण विकास संस्थान में संचालित किया जा रहा है। प्रशिक्षण का उद्देश्य शिक्षकों को आधुनिक शिक्षण पद्धतियों और कौशल आधारित शिक्षा से जोड़ना है, ताकि कक्षा शिक्षण अधिक सहभागी, जीवंत और परिणामोन्मुख बन सके।
'लर्निंग बाय डूइंग' कार्यक्रम के माध्यम से बालिकाओं में तर्कशक्ति, समस्या समाधान क्षमता, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और आत्मविश्वास का विकास होगा। यह पहल केजीबीवी को केवल आवासीय विद्यालय नहीं, बल्कि कौशल और समझ की प्रयोगशाला के रूप में स्थापित करेगी। विशेष रूप से ग्रामीण, वंचित और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्ग की बालिकाओं को इससे गुणवत्तापूर्ण और समान अवसरों वाली आधुनिक शिक्षा का लाभ मिलेगा।
कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए प्रदेश सरकार ने प्रत्येक कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय को 43,250 की धनराशि स्थानीय स्तर पर खर्च करने की सीमा निर्धारित की है। इस राशि से टूल्स, प्रयोग सामग्री और कंज्यूमेबल्स की खरीद की जाएगी, ताकि छात्राएं विज्ञान और गणित के सिद्धांतों को प्रयोगों के माध्यम से समझ सकें।
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