चंडीगढ़ , नवंबर 04 -- हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने कहा है कि नशीली और प्रतिबंधित दवाओं की अवैध बिक्री में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।

सुश्री राव ने यहां एक बयान में स्पष्ट रूप से कहा कि ऐसे किसी भी केमिस्ट या मेडिकल स्टोर मालिक को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जायेगा, जो प्रतिबंधित या नशीले पदार्थों की बिक्री में लिप्त पाया गया।

उन्होंने अधिकारियों को राज्यभर में निरीक्षण अभियान तेज़ करने के निर्देश दिये हैं। नशा मुक्त भारत अभियान के तहत, हरियाणा के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) आयुक्त मनोज कुमार ने मंत्री के निर्देश पर कार्रवाई शुरू कर दी है।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मादक पदार्थों की अवैध बिक्री पर रोक लगाने के लिए सिरसा जिले में बड़े पैमाने पर छापेमारी की गयी। इस अभियान में विभिन्न जिलों के 35 वरिष्ठ औषधि नियंत्रण अधिकारी (एसडीसीओ) और औषधि नियंत्रण अधिकारी (डीसीओ) शामिल थे।

अभियान की प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए आठ विशेष टीमों का गठन किया गया, जिन्हें साइकोट्रॉपिक या दोहरे उपयोग वाली दवाओं के दुरुपयोग के संदेह वाली दुकानों पर औचक निरीक्षण करने का कार्य सौंपा गया।

छापेमारी की प्रत्यक्ष निगरानी राज्य औषधि नियंत्रक ललित कुमार गोयल ने की। उनके साथ एफडीए मुख्यालयसे सहायक राज्य औषधि नियंत्रक परविंदर सिंह, करण सिंह गोदारा और राकेश दहिया भी मौजूद थे।

यह अभियान सिरसा जिले के कालांवाली, बड़ागुढ़ा, डबवाली, रानिया, ऐलनाबाद और सिरसा शहर सहित कई इलाकों में एक साथ चलाया गया। निरीक्षण पूर्वाह्न 11:30 बजे से शाम 6:00 बजे तक चला।

अभियान के दौरान 67 मेडिकल स्टोरों का निरीक्षण किया गया, जिनमें से आवश्यक अभिलेख प्रस्तुत न करने और अन्य उल्लंघनों के कारण 16 दुकानों को सील कर दिया गया। साथ ही 15 नमूने भी जांच के लिए एकत्र किये गये। आरोपी दुकानों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जायेगा और औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के तहत आगे की कार्रवाई की जायेगी।

सुश्री राव ने दोहराया कि राज्य सरकार हरियाणा को नशामुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस तरह के अभियान निरंतर जारी रहेंगे और मादक पदार्थों के अवैध व्यापार को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

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