कोलकाता , नवंबर 22 -- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ी 'सनातन संस्कृति संसद' का आगामी 7 दिसंबर को होने वाला गीता पाठ कार्यक्रम उस समय विवाद में आ गया जब एक प्रमोशनल वीडियो में पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी को उसमें शामिल दिखाया गया है। बंगाल चुनाव से ठीक पहले होने वाले इस कार्यक्रम के आयोजन के समय ने इसके मकसद पर राजनीतिक बहस छेड़ दी है।

उल्लेखनीय है कि सनातन संस्कृति संसद पिछले दो सालों से लगातार गीता पाठ कार्यक्रम का आयोजन कर रही है। इस साल का कार्यक्रम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले 7 दिसंबर को कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में होने वाला है।

संघ से जुड़े इस संगठन ने घोषणा की है कि पांच लाख लोग भगवद्गीता के श्लोकों का जाप करेंगे। जिसे वह आध्यात्म की ओर सामूहिक रूझान के रूप में देखता है।

पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी के इस वीडियो के इस्तेमाल की राजनीतिक हलकों में कड़ी आलोचना हुई है और कई लोगों ने भगवा पंथ से जुड़े एक कार्यक्रम में कांग्रेस के एक बड़े नेता को बुलाने के नजरिए पर सवाल उठाए हैं।

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