बेंगलुरु, सितंबर 29 -- जनता दल (एस) से निष्कासित नेता और पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना ने बनशंकरी के होलेनरसीपुर स्थित एक घर में घरेलू सहायिका के साथ कथित बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा को चुनौती देते हुए कर्नाटक उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

दो अगस्त को, निचली अदालत ने रेवन्ना को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और 11.60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। उन्होंने अपनी याचिका में अपील के लिए कानूनी आधार का हवाला देते हुए दोषसिद्धि और जुर्माने दोनों को रद्द करने की मांग की है। मामला अब उच्च न्यायालय में लंबित है।

पीड़िता द्वारा औपचारिक शिकायत दर्ज कराने के बाद ये आरोप सामने आए, जिसके बाद पुलिस जांच और उसके बाद अभियोजन शुरू हुआ। रेवन्ना के राजनीतिक कद और आरोपों की गंभीर प्रकृति के कारण इस मुकदमे ने व्यापक सार्वजनिक और मीडिया का ध्यान आकर्षित किया।

इस मामले के बाद जेडी(एस) से निष्कासित रेवन्ना अब उच्च न्यायालय की जाँच का इंतज़ार कर रहे हैं, जो निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखने या पलटने का फैसला करने से पहले सबूतों, गवाहों के बयानों और प्रक्रियात्मक पहलुओं की समीक्षा करेगा।

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