पौड़ी 22अक्टूबर ( वार्ता) उत्तराखंड के पौड़ी स्थित परमार्थ निकेतन में गोवर्धन पूजा और अन्नकूट महोत्सव धूमधाम से मनाया गया और इसमें विश्व के कई देशों से आए साधकों, यात्रियों तथा पर्यटकों ने हिस्सा लिया।

यह पर्व धार्मिक आस्था के प्रतीक के साथ प्रकृति और पर्यावरण के प्रति लोगों को उनकी जिम्मेदारी का स्मरण कराता है।

गोवर्धन पूजा, प्रकृति और उसके संसाधनों का सम्मान का संदेश देती है। प्रकृति संरक्षण हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जिम्मेदारी है। यह पर्व हमें यह याद दिलाता है कि प्रकृति बचेगी तो संस्कृति बचेगी। आज के दिन घरों में गोवर्धन की झाँकी सजाई जाती है और पूजा-अर्चना के साथ प्रतिकात्मक गोवर्धन की पूजा की जाती है।

गोवर्धन पूजा के अवसर पर अन्नकूट महोत्सव का आयोजन विशेष रूप से किया जाता है। इस दिन अनेक प्रकार के व्यंजन, शुद्ध अनाज, फल और मिठाइयाँ भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत को भोग रूप में अर्पित की जाती हैं। यह महोत्सव केवल भौतिक भोजन का नहीं, बल्कि आध्यात्मिक समृद्धि और विश्व कल्याण का प्रतीक है।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित