बड़वानी, सितंबर 28 -- बड़वानी जिले की पाटी जनपद पंचायत के अंतर्गत मनरेगा कार्यों में हुए पौने दो करोड़ रुपए के गबन के बहुचर्चित मामले में पुलिस ने तीन वेंडरों को गिरफ्तार किया है।

थाना पाटी प्रभारी रामदास यादव ने बताया कि पुलिस ने बोकराटा के जावेद खान, रवि वानखेडे और पाटी के अली असगर को गिरफ्तार किया है। इन्हें कल न्यायालय में पेश किया गया, जहां से तीन दिन का पुलिस रिमांड स्वीकृत हुआ है। पूछताछ में सामने आया है कि इस गबन प्रकरण में अन्य वेंडरों की भी संलिप्तता हो सकती है। सोमवार को आरोपियों को बड़वानी लाकर उनके बैंक खातों की राशि जब्त की जाएगी।

इस मामले को लेकर इंदौर के आईजी (ग्रामीण) अनुराग ने सख्ती के निर्देश दिए थे। जांच दल की रिपोर्ट में सेमलेट, लिम्बी, कंडरा, वेरवाड़ा, ओसाड़ा और आंवली ग्राम पंचायतों के निर्माण कार्यों को गुणवत्ता हीन या कागजों पर ही दर्शाया गया पाया गया। ग्राम पंचायतों द्वारा बिना जीएसटी/टिन नंबर के कोरे और अस्पष्ट बिल अपलोड कर राशि आहरित कर वेंडरों के खातों में भुगतान किया गया।

जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी काजल जावला ने बताया कि पाटी थाने द्वारा मांगी गई सभी अतिरिक्त जानकारियां और करीब 400 पन्नों के दस्तावेज पहले ही उपलब्ध कराए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों में बिना निर्माण कार्य किए शासकीय राशि व्यय किए जाने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए वेंडरों की गिरफ्तारी आवश्यक थी।

इस मामले में नौ वेंडरों के विरुद्ध आयुक्त वाणिज्य कर वृत्त इंदौर को भी पत्र भेजा गया था, जिसमें फर्जी व अलग-अलग दरों पर बिल प्रस्तुत कर भुगतान लेने की बात का उल्लेख किया गया। हालांकि अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

उधर, पंचायत सचिवों ने तत्कालीन सीईओ जनपद पंचायत नीलेश नाग पर जांच प्रभावित करने के एवज में रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था। इस पर उन्हें कलेक्ट्रेट में अटैच कर दिया गया और लोकायुक्त ने उनके विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर लिया है।

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