पौड़ी , नवम्बर 02 -- उत्तराखंड के पौड़ी जिले के पांच ऐसे दिव्यांगजन राज्य स्तरीय सम्मान के लिए चयनित हुये हैं जिनकी उपलब्धियां न केवल उनके व्यक्तिगत संघर्ष की पहचान है बल्कि पूरे समाज के लिए प्ररेणा का स्रोत भी है।

बुधवार को विश्व दिव्यांग दिवस पर जिले के इन पांचों दिव्यांगजनों के जज़्बों को सलाम करने का अवसर है, जो परिस्थितियों की सीमाओं से आगे बढ़कर कर्म, समर्पण और आत्मविश्वास की मिसाल पेश करते हैं।

विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर कल राज्य सरकार द्वारा दक्ष दिव्यांग कर्मचारियों, स्वयं रोजगार में संलग्न दिव्यांग व्यक्तियों, दक्ष दिव्यांग खिलाड़ियों, सेवा-योजकों तथा प्लेसमेंट अधिकारियों को राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान उन व्यक्तियों को समर्पित है जिन्होंने अपनी कार्यक्षमता, आत्मबल, सेवा-भाव और समाज में सकारात्मक योगदान के माध्यम से विशेष उदाहरण प्रस्तुत किए हैं।

अपर जिला समाज कल्याण अधिकारी अनिल सेमवाल ने बताया कि इस वर्ष पौड़ी जिले से पाँच व्यक्तियों को राज्य स्तरीय सम्मान हेतु चयनित किया गया है। इनमें दो दक्ष दिव्यांग कर्मचारी एवं तीन स्वयं-रोजगार के माध्यम से आजीविका अर्जित कर रहे दिव्यांगजन शामिल हैं। उन्होंने बताया कि चयनित दिव्यांग कर्मचारियों में शिक्षा विभाग में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी रक्षा नेगी और पशुपालन विभाग में पशुधन प्रसार अधिकारी मनीष रावत शामिल हैं। जहां रक्षा नेगी अपनी प्रशासनिक दक्षता, समयबद्ध कार्य-संयोजन और जिम्मेदारियों के प्रति समर्पण के लिए जानी जाती हैं।

वहीं मनीष रावत ने ग्राम्य क्षेत्रों में पशुपालन सेवाओं को मजबूत बनाने, किसानों के साथ निरंतर संवाद कायम रखने और तकनीकी सहायता प्रदान करने में प्रभावशाली भूमिका निभायी है। सम्मान की सूचना पर मनीष रावत ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार द्वारा दिव्यांग कर्मचारियों को सम्मानित किया जाना अत्यंत प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा कि ऐसी पहलें न केवल कार्यस्थल पर ऊर्जा बढ़ाती हैं, बल्कि कर्तव्य-निर्वहन में उत्साह और मानसिक संतोष भी प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का सम्मान समाज में दिव्यांगजन की भागीदारी को और अधिक सशक्त बनाता है।

स्व-रोजगार श्रेणी में चयनित सूरज कुमार, दीपक और शुभम जोशी ने सीमित संसाधनों और शारीरिक चुनौतियों के बावजूद अपने दम पर आजीविका के मजबूत स्रोत विकसित किए हैं। विकासखण्ड बीरोंखाल के ग्राम कसाणी निवासी सूरज कुमार ने सीएससी सेंटर संचालन, डिजिटल सेवाओं और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से संबंधित कार्यों को रोजगार का माध्यम बनाया है।

तहसील पौड़ी के ग्राम काण्डई के दीपक ने बकरी पालन को योजनाबद्ध ढंग से विकसित कर इसे सफल व्यवसाय का रूप दिया है। वहीं ग्राम कसाणी के ही शुभम जोशी ने फैब्रिकेशन कार्य को अपने कौशल और मेहनत के बल पर आजीविका का आधार बनाया है और दूसरों के लिए प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है।

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