होशियारपुर , नवंबर 28 -- संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और कई सहयोगी संगठनों के आह्वान पर गन्ना उत्पादक किसानों ने शुक्रवार को जालंधर-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर मुकेरियां चीनी मिल के बाहर धरना शुरू कर दिया। वे गन्ना पेराई शुरू होने में हो रही देरी और सरकार पर किसानों के प्रति उदासीनता का आरोप लगा रहे हैं।

किसानों ने अपराह्न करीब 2.30 बजे मिल के सामने सड़क के एक तरफ धरना देकर बैठ गये, जिससे यातायात बाधित हो गया, हालांकि दूसरी तरफ से वाहन गुजरते रहे। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे चीनी मिलों में पेराई शुरू होने की सरकारी अधिसूचना मिलने के बाद ही जाम हटाएंगे।

किसान नेताओं ने कहा कि सरकार और मिल मालिकों के बीच हाल ही में हुई बैठक बेनतीजा रही और अधिकारियों एवं मिल प्रबंधन के दावे धरे के धरे रह गये, जिससे किसानों में रोष फैल गया। उन्होंने कहा कि पेराई सत्र में और देरी से किसानों को भारी नुकसान होगा, क्योंकि पेराई गर्मी के महीनों तक चलेगी, जिससे मजदूरों की उपलब्धता प्रभावित होगी और गन्ने का वजन कम होगा।

पगड़ी संभाल लहर के अध्यक्ष सतनाम सिंह बागड़िया ने कहा कि सरकार के पास चीनी मिलों को चलाने या गन्ना किसानों की सुरक्षा के लिए कोई स्पष्ट नीति नहीं है।

उन्होंने कहा, " किसान अपनी फसल का मूल्य पाने या पेराई शुरू करने के लिए भी सड़कों पर उतरने को मजबूर हो रहे हैं। अगर सरकार का कथित कुप्रबंधन और मिल मालिकों की उदासीनता जारी रही, तो किसान इस फसल से दूर जाने के लिए मजबूर हो सकते हैं, जिससे विविधीकरण कार्यक्रम कमजोर पड़ सकते हैं। "अमरजीत सिंह रारा (बीकेयू आज़ाद), सलिंदर सिंह ढिल्लों (किसान कल्याण समिति किशनगढ़) और सुखपाल सिंह डफ़र (गन्ना संघर्ष समिति) सहित कई किसान संगठनों के नेता भी विरोध में शामिल हुए।

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