हरिद्वार , अक्टूबर 27 -- उत्तराखंड में चर्चा में रहे यूकेएसएसएससी पेपर वायरल मामले में सोमवार को हरिद्वार में जन सुनवाई की शुरुआत हुई।
हरिद्वार विकास प्राधिकरण (एचआरडीए) सभागार में सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की अध्यक्षता में चल रही सुनवाई में बड़ी संख्या में अभ्यर्थी और अधिकारी मौजूद रहे। जहां उन्होंने अभ्यर्थियों और संबंधित अधिकारियों से प्रत्यक्ष रूप से मामले की जानकारी ली।
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति ध्यानी ने पेपर लीक प्रकरण से जुड़े साक्ष्यों, अनियमितताओं और संभावित सुधारों को लेकर अभ्यर्थियों से सुझाव मांगे। उन्होंने कहा कि पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करना आयोग की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। इस दौरान कई अभ्यर्थियों ने परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के सुझाव दिए। जन सुनवाई के मद्देनजर पुलिस और प्रशासन ने एचआरडीए सभागार के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए। अभ्यर्थियों ने परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता, दोषियों पर कठोर कार्रवाई और भविष्य में निष्पक्ष परीक्षाएं सुनिश्चित करने की मांग रखी।
न्यायमूर्ति ध्यानी ने छात्रों की शिकायतें एवं सुझाव ध्यानपूर्वक सुने और कहा कि पेपर लीक जैसी घटनाएं युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हैं, ऐसे किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
उल्लेखनीय है कि यह जन सुनवाई आयोग द्वारा गठित जांच प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत विभिन्न जिलों में अभ्यर्थियों से सीधे जानकारी ली जा रही है। न्यायमूर्ति ध्यानी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सभी रिपोर्ट समयबद्ध तरीके से प्रस्तुत की जाएं।
हरिद्वार में छात्रों की व्यापक मौजूदगी और माहौल को देखते हुए यह सुनवाई पूरे राज्य के युवाओं में न्याय और निष्पक्षता की उम्मीद को नई दिशा देने वाली मानी जा रही है।
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