चंडीगढ़ , नवंबर 21 -- वितायुक्त राजस्व एवं आपदा प्रबंधन डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि राज्य में नवंबर महीने के पहले 21 दिनों में 10,450 से अधिक प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन पेपरलेस किए गए हैं। राज्य के डिजिटल लैंड-रजिस्ट्री सिस्टम ने एक दिन में 1,659 पेपरलेस रजिस्ट्रेशन प्रोसेस कर नया रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने इसे पारदर्शी और नागरिक-केंद्रित गवर्नेंस के नए दौर की बड़ी उपलब्धि बताया।
डॉ. मिश्रा के अनुसार सिस्टम को बेहतर वर्कफ़्लो के लिए अपग्रेड किया गया है जिससे यह केवल डिजिटलीकरण नहीं बल्कि विभाग में बड़े बदलाव की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है। 1 से 21 नवंबर के बीच 9,365 ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुक किए गए, जिससे पेपरलेस सिस्टम शुरू होने के बाद कुल अपॉइंटमेंट 10,450 हो गए। इनमें से पिछले तीन सप्ताह में 8,338 डीड अप्रूव हुईं और कुल अप्रूव डीड की संख्या 9,260 पहुँच गई। उन्होंने बताया कि सिस्टम प्रतिदिन लगभग 1,500 डीड प्रोसेस कर रहा है।
उन्होंने बताया कि पोर्टल पर ऑफिसर-साइड फीचर्स भी उन्नत किए गए हैं। खेवट और विलेज ब्लॉकिंग शुरू कर दी गई है, जिससे सभी जिलों में अपॉइंटमेंट शेड्यूलिंग आसान हो गई है। आरसी और सब-रजिस्ट्रार डैशबोर्ड पर डीड वेरिफिकेशन अब अधिक सटीक दिखता है और तहसीलदार अपने लॉगिन से टोकन वापस कर सकते हैं।
डॉ. मिश्रा ने कहा कि नागरिकों को आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए स्टाम्प ड्यूटी कैलकुलेशन, टोकन डिडक्शन और डॉक्यूमेंट से संबंधित कई तकनीकी दिक्कतें दूर की गई हैं। गलत टोकन की स्थिति में 503 रुपये की कटौती तब तक नहीं होगी, जब तक टोकन पूरी तरह वैलिडेट नहीं हो जाता।
उन्होंने बताया कि रजिस्ट्रार, सब-रजिस्ट्रार और ग्राउंड-स्टाफ से मिले नियमित फीडबैक के आधार पर प्लेटफॉर्म में सुधार किए गए हैं। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के इंटरफेस के दूसरे पेज को भी सरल बनाया गया है, जिससे उपयोगकर्ताओं की परेशानी कम हो सके। उन्होंने कहा कि प्रॉपर्टी लेन-देन जैसे वित्तीय और भावनात्मक मामलों में छोटे-छोटे तकनीकी सुधार भी नागरिकों के लिए बड़ा बदलाव ला सकते हैं।
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