उमरिया , अक्टूबर 13 -- मध्यप्रदेश के उमरिया जिले स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक गिरे हुए सूखे पेड़ के खोह में से बचा कर निकाले गए दो बाघ शावकों को अब जंगल में जीवन व्यतीत करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

इन दो बाघ शावकों का सफल रेस्क्यू कर उन्हें ताला ले जाया गया है। दोनों की उम्र लगभग 4 से 5 वर्ष है। इन शावकों को जंगल में एक जंगली बाघ कैसे जीते हैं और शिकार करते हैं, उसकी सीख दी जाएगी ।

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के संचालक अनुपम सहाय ने बताया कि पनपथा बफर जोन में गश्ती दल ने एक गिरे हुए पेड़ के खोह में घुसते हुए बाघ शावकों को देखा। सर्चिंग करने पर वहां किसी मादा या नर बाघ के मौजूद होने के निशान नहीं मिले। इसके बाद रेस्क्यू अभियान चलाया गया । रेस्क्यू टीम खोह से दो बाघ शावकों को सुरक्षित निकालने में सफल रही। दोनों बाघ शावकों को सुरक्षित ताला बांधवगढ़ ले जाया गया है जहां पर उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है ।

जानकारी अनुसार मादा बाघ की सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। इन अटकलों पर भी विराम लगाया गया है कि तीन बाघ शावक थे क्योंकि तीसरे बाघ शावक के कोई चिह्न रेस्क्यू टीम को नहीं मिले हैं ।

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