अंबिकापुर , नवंबर 12 -- छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले के सीतापुर में किसानों की बढ़ती परेशानियों को लेकर बुधवार को पूर्व खाद्यमंत्री अमरजीत भगत के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों ने सर्किट हाउस के सामने जोरदार धरना प्रदर्शन किया। किसानों ने राज्य सरकार और प्रशासन पर धान खरीदी, गिरदावरी, एग्रीस्टेक पोर्टल और रकबा घटाने जैसी गंभीर समस्याओं की अनदेखी का आरोप लगाया।

किसानों का कहना है कि इस बार धान का रकबा कम कर दिया गया है और अनेक किसानों का पंजीयन (रजिस्ट्रेशन) अब तक नहीं हो पाया है। इसके कारण वे सरकारी समर्थन मूल्य पर धान बेचने से वंचित रह सकते हैं। किसानों ने यह भी कहा कि एग्रीस्टेक पोर्टल और गिरदावरी संबंधी तकनीकी त्रुटियों के चलते उनकी फसल का सही विवरण दर्ज नहीं हो पा रहा, जिससे उपार्जन केंद्रों में उन्हें गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

धरनास्थल पर मौजूद किसानों ने चेतावनी दी कि यदि समय रहते शासन-प्रशासन ने समाधान नहीं निकाला, तो वे उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे। प्रदर्शन में पूर्व खाद्यमंत्री ने किसानों की ओर से कहा कि "धान नहीं बिकेगा तो किसानों का जीवकोपार्जन असंभव हो जाएगा। सरकार को जल्द से जल्द इन त्रुटियों को सुधारकर किसानों को राहत देनी चाहिए।"धरने के दौरान किसानों ने 14 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन तैयार किया, जिसे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के नाम उपजिलाधिकारी को सौंपा जाएगा। मांगों में मुख्य रूप से सभी किसानों का रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित किया जाए, घटे हुए रकबे को बहाल किया जाए, गिरदावरी प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाए, एग्रीस्टेक की तकनीकी समस्याएं दूर की जाएं, और धान उपार्जन में किसी भी प्रकार की देरी न की जाए - जैसी बातें शामिल हैं।

इस मौके पर कांग्रेस कार्यकर्ता और कई किसान संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। धरना स्थल पर लगातार "किसान एकता जिंदाबाद" और "धान हमारी मेहनत है, अधिकार हमें दो" जैसे नारे गूंजते रहे। किसान नेताओं ने स्पष्ट कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक उनकी समस्याओं का ठोस समाधान नहीं निकलता।

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