मोतिहारी , दिसंबर 03 -- बिहार में पूर्वी चंपारण जिले की एक अदालत ने बुधवार को चरस तस्करी के मामले में एक व्यक्ति को 12 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
मादक औषधि एवं मनोत्तेजक पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम के विशेष न्यायाधीश सूर्यकांत तिवारी ने चरस तस्करी मामले में नामजद अभियुक्त चकिया थाना क्षेत्र के हिन्दू चकिया निवासी शिशुपाल पटेल के पुत्र अंकुश कुमार को 12 वर्ष सश्रम कारावास एवं एक लाख रुपए अर्थदंड की सजा सुनायी है।
इस मामले में चकिया थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष ने चकिया थाना कांड संख्या 144/2023 दर्ज कराते हुए नामजद अभियुक्त सहित तीन के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की थी। बीस अप्रैल 2023 की रात्रि चकिया बाईपास स्थित होटल गौड़ मैरेज हॉल स्टैंड में छापेमारी की गई। जहां डेढ़ किलो चरस के साथ अंकुश कुमार, रंजीत उर्फ त्रिवेदी एवं कन्हैया कुमार को पकड़ा गया। बाद के दिनों में तीनों आरोपियों को जमानत मिली। सुनवाई के दौरान दो आरोपी रंजीत उर्फ त्रिवेदी एवं कन्हैया कुमार नियमित रूप से उपस्थित हुए। जबकि एनडीपीएस वाद संख्या 52/2025 के विचारण के दौरान अंकुश कुमार के अनुपस्थित रहने पर न्यायालय ने उसे फरार घोषित कर दिया। उक्त मामले में नियमित सुनवायी के बाद तीन मई 2025 को रंजीत उर्फ त्रिवेदी एवं कन्हैया कुमार को दोषी पाया और सजा सुनायी थी। उक्त मामले में नौ गवाहों की गवाही हुई थी।
बाद के दिनों में पुलिस ने बैंक लूट मामले में चकिया थाना कांड संख्या 135/2023 में अभियुक्त अंकुश कुमार को गिरफ्तार किया।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित