जालंधर , अक्टूबर 21 -- देश की एकता और अखंडता के लिए आतंकवादियों और अपराधियों से लड़ते हुए अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीर पुलिसकर्मियों के सम्मान में मंगलवार को जालंधर स्थित पंजाब आर्म्ड पुलिस (पी.ए.पी.) मुख्यालय में 66वां राज्य स्तरीय पुलिस स्मृति दिवस श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया गया। पंजाब के पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने श्रद्धांजलि समारोह के दौरान शहीदों को नमन किया। उन्होंने पंजाब पुलिस को एक बेमिसाल बल बताया और कहा कि इस बल ने शांति और संकट दोनों समय में अद्वितीय समर्पण के साथ देश की सेवा की। उन्होंने बताया कि सितंबर 1981 से अब तक पंजाब पुलिस ने ड्यूटी के दौरान 1,802 अधिकारियों ने बलिदान दिया है, जिनमें इस साल के तीन पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।

पुलिस शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद सभा को संबोधित करते हुए श्री यादव ने कहा कि इन शहीदों की वजह से ही आज हम शांतिपूर्ण जीवन जी रहे है। उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस की वीरता, साहस और आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने की प्रतिबद्धता की गौरवमयी विरासत है और सीमावर्ती राज्य में शांति और सांप्रदायिक सौहार्द बनाये रखने के लिए पंजाब पुलिस काम करती रहेगी।

इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत में श्री यादव ने राज्य सरकार की निर्णायक मुहिम 'युद्ध नशे के विरुद्ध' पर प्रकाश डालते हुए इसे एक बड़ी सफलता बताया। उन्होंने बताया कि पंजाब पुलिस ने अब तक 1,300 किलोग्राम से अधिक हेरोइन जब्त की है। इसी तरह इस मुहिम में सेफ पंजाब हेल्पलाइन के जरिए जनता से प्राप्त 16,000 से अधिक सूचनाओं का भी योगदान है। उन्होंने कहा कि इस जन समर्थित पहल के कारण बड़ी संख्या में एफ.आई.आर. दर्ज की गई है और कई ड्रग नेटवर्क को खत्म किया गया है।

श्री यादव ने बताया कि इस मुहिम के तहत पुलिस ने 64 हवाला कारोबारियों को गिरफ्तार कर और 14 करोड़ रुपये की गैर-कानूनी राशि जब्त कर नशीले पदार्थों के कारोबार से जुड़े वित्तीय चैनलों का पर्दाफाश किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान स्थित आई.एस.आई. और अन्य कट्टरपंथी तत्व पंजाब की शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पुलिस कानून- व्यवस्था बनाये रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

जबरन वसूली की कॉल्स के मुद्दे पर श्री यादव ने कहा कि जांच से पता चला है कि ऐसी 80 प्रतिशत से अधिक कॉल्स स्थानीय अपराधियों द्वारा गैंगस्टर बनकर की गयी थी। उन्होंने सभी पुलिस आयुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिये कि जबरन वसूली की प्रत्येक कॉल पर एफआईआर दर्ज की जाये और इसकी गहन जांच की जाये। उन्होंने कहा, "हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता आम नागरिक हैं।"उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पंजाब पुलिस का उद्देश्य जनहितैषी और प्रभावी पुलिसिंग प्रदान करना है। समारोह के बाद श्री यादव ने पुलिस शहीदों के परिजनों से मुलाकात की, उनकी समस्यायें सुनीं और उन्हें पंजाब सरकार और पुलिस विभाग की ओर से निरंतर सहयोग का भरोसा दिलाया।

पीएपी कैंपस के अंदर पुलिस शहीद स्मारक पर स्मारक परेड हुई, जहां कमांडेंट विवेक शील सोनी ने सभी पुलिस शहीदों के नाम पढ़े। शहीद नायकों के सम्मान में दो मिनट का मौन धारण और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा श्रद्धा के फूल अर्पित करने के साथ समारोह संपन्न हुआ।

पुलिस स्मृति दिवस मनाने की परंपरा 21 अक्टूबर, 1959 से शुरू हुई, जब लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स में चीनी सेनाओं ने एस.आई. कर्म सिंह की अगुवाई में सी.आर.पी.एफ. की गश्ती टुकड़ी पर हमला कर दिया था, जिसमें 10 वीर जवान शहीद हो गये थे। 16,000 फुट की ऊंचाई पर कड़ाके की ठंड में उनका बलिदान असाधारण वीरता का प्रतीक बना हुआ है। तब से, 21 अक्टूबर को देश की सभी पुलिस इकाइयों में उन पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि देने के लिए पुलिस स्मृति दिवस हर साल मनाया जाता है, जिन्होंने ड्यूटी के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी।

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