चंडीगढ़, सितंबर 30 -- पंजाब के पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से स्टेशन हाउस अधिकारियों (एसएचओ) रैंक तक के सभी वरिष्ठ अधिकारियों की राज्य स्तरीय कानून व्यवस्था बैठक में संगठित अपराध, तस्करी और आतंकवाद के खिलाफ चल रही कार्रवाई की समीक्षा की और शांतिपूर्ण त्योहारी सीजन 2025 सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक कार्य योजना तैयार की गयी।
श्री यादव ने राज्य भर के सभी पुलिस उच्चाधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्हें त्योहारों के मौसम में शांति, सद्भाव और सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह सतर्क और प्रतिबद्ध रहने का निर्देश दिया। बैठक में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स प्रमोद बान और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक काउंटर इंटेलिजेंस अमित प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुये। श्री यादव ने अधिकारियों को गैंगस्टरों और असामाजिक तत्वों से निडरता से निपटने की पूरी छूट दी। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, "कॉन्स्टेबल से लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तक हर अधिकारी की जवाबदेही तय की जायेगी और गैंगस्टर एवं नशीले पदार्थों की तस्करी और सेवन के मोर्चे पर किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जायेगी।"नशीली दवाओं के मोर्चे पर, यादव ने 'युद्ध नाशियां विरुद्ध' नशा विरोधी अभियान के तहत किये गये सराहनीय कार्य के लिए पुलिस बल की प्रशंसा की, जिसके परिणामस्वरूप एनडीपीएस मामलों में 87 प्रतिशत सजा दर प्रभावशाली रही है। उन्होंने कहा कि माल के स्रोत की पहचान करने और 'बड़ी तस्करों' तक पहुंचने के लिए आगे-पीछे के संबंध स्थापित करने हेतु पेशेवर जांच की आवश्यकता है। उन्होंने निर्देश दिया कि कुख्यात आपूर्तिकर्ताओं के ज़ब्त किये गये मोबाइल फ़ोनों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जाना चाहिए ताकि पूरी श्रृंखला का पर्दाफ़ाश हो सके और आगे की गिरफ़्तारियां की जा सकें। उन्होंने अधिकारियों से एनडीपीएस अधिनियम की धारा 64ए का अधिकतम उपयोग करने को भी कहा, जो कुछ ग्राम हेरोइन या मादक पाउडर के साथ पकड़े गये मादक पदार्थ के उपभोक्ता को पुनर्वास का अवसर प्रदान करती है।
श्री यादव ने सुरक्षित पंजाब नशा विरोधी चैटबॉट पर किये गये कार्य की भी सराहना की, जिसमें 33-35 प्रतिशत एफआईआर रूपांतरण दर देखी गयी है, और अधिकारियों को इस पर प्राप्त सार्वजनिक इनपुट को गंभीरता से लेने और उन्हें विकसित करने के लिए प्रेरित किया। स्टाफ की कमी के गंभीर मुद्दे से निपटने के लिए, डीजीपी ने बताया कि पंजाब सरकार ने 1600 पद सृजित किये हैं - जिनमें 150 इंस्पेक्टर, 450 सब-इंस्पेक्टर और 1000 सहायक सब-इंस्पेक्टर शामिल हैं - जिन्हें पदोन्नति के माध्यम से भरा जायेगा। इसके अलावा, अगले साल सीधी भर्ती के ज़रिए कांस्टेबलों के 3400 पद भरे जायेंगे और चरणबद्ध तरीके से भरने के लिए ज़िला कैडर में 4500 अतिरिक्त पद सृजित किये गये हैं। उन्होंने पुलिस आयुक्तों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को संसाधनों का ऑडिट करने और थानों में नियमित हेड कांस्टेबलों की तैनाती करने का निर्देश दिया ताकि काम का बोझ कम किया जा सके, खासकर एनडीपीएस मामलों में।
संगठित अपराध परिदृश्य की समीक्षा करते हुए, डीजीपी ने पुलिस अधिकारियों से गैंगस्टरों के सहयोगियों की पहचान कर उन्हें सलाखों के पीछे डालने को कहा। उन्होंने कहा, "आपको विभाग से पूरा संरक्षण और सहयोग प्राप्त है। गैंगस्टरों से निडर होकर निपटें।" उन्होने कहा कि भ्रष्टाचार में संलिप्त पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति के साथ, चाहे वह किसी भी पद पर हो, सख्ती से निपटा जाएगा और कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
नागरिक-केंद्रित पुलिसिंग पर ज़ोर देते हुए, गौरव यादव ने कहा कि पंजाब पुलिस का मुख्य उद्देश्य लोगों को न्याय दिलाना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने कार्यालयों में बैठें, लोगों से मिलें और उनकी शिकायतें सुनने के लिए उनके फ़ोन उठायें।
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