जयपुर , अक्टूबर 02 -- राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाते हुए कहा है कि राजधानी जयपुर में राजस्थान विश्ववविद्यालय में जिस प्रकार भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के कार्यकताओं के साथ पुलिस की देखरेख में पिटाई हुई और पुलिस ने उनकी गाड़ियों को तोड़ा है, ऐसे में यहां कैसे लोकतंत्र रहेगा।
श्री गहलोत ने गुरुवार रात यहां एसएमएस अस्पताल में भर्ती रवीन्द्र से मिलने के बाद मीडिया से बातचीत में यह आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अभी रविन्द्र ने उन्हें बताया कि किस प्रकार 20-22 लोगों ने मिलकर उसे पीटा हैं और कितने जगह उसके चोट आई है तो यहां पर लोकतंत्र कैसे रहेगा। विश्वविद्यालय के अंदर अब इस प्रकार की शस्त्र पूजा करेंगे तो विरोध करना विपक्ष का फर्ज बनता है लेकिन पुलिस की मौजूदगी के अंदर जो पिटाई हुई है, उसकी देख रेख में हुई है। जिस प्रकार पुलिस ने खुद ने गाड़ी तोड़ी है।
उन्होंने कहा " मैंने खुद ने पुलिस कमिश्नर से बात की है उन्होंने खुद ने कहा कि हम इनको दिखवा रहे हैं और कल 24 घंटे होते हैं क्योंकि पहले इनको पेश करना था। कल शाम तक पेश नहीं किया और 151 वाली धारा है। मैंने सुना है उस केस को तो खत्म कर दिया। नई धारा लगा दी है जो नॉन बेलेबल है तो क्या ये ऐसे दुश्मन है समाज के, असामाजिक तत्व है। इन्होंने क्या कसूर किया कि आप नान बेलेबल धाराएं आरएसएस के दबाव में आके लगाए। आरएसएस के दबाव में पुलिस काम कर रही है। आरएसएस के दबाव में मार पिटाई हो रही है और तो क्या आरएसएस बीजेपी का ये चाल चरित्र चेहरा है जो सबके सामने आ रहा है।"उन्होंने आरोेप लगाते हुए कहा कि जिस प्रकार से गुंडागर्दी हो रही है और पुलिस कमिश्नर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। लगता है कि वो ही दबाव में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि ऐसी स्थिति बनेगी तो धीरे धीरे स्थितियां और बिगड़ती जाएगी और संभालना मुश्किल हो जाएगा। पता नहीं सरकार आज इनकी है। तीन साल के बाद में वापस सरकार कांग्रेस ही बनेगी। फिर ये भागते फिरेंगें। ये अधिकारी जो है पुलिस अधिकारी हैं आज तो गुंडागर्दी करवा रहे हैं।
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