चंडीगढ़ , अक्टूबर 10 -- हरियाणा के भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या मामले में पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर और रोहतक के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारणिया सहित 14 अफसरों के खिलाफ गुरुवार देर रात प्राथमिकी दर्ज की गयी।

चंडीगढ़ पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर सेक्टर-11 थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 108, 3(5) और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम की धारा 3 (1) (आर) के तहत प्राथमिकी क्रमांक 156 दर्ज की है।

श्री पूरन कुमार के परिजनों ने 15 अधिकारियों पर आरोप लगाये थे, जिनमें मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी का नाम भी शामिल था, लेकिन प्राथमिकी में उनका नाम नहीं जोड़ा गया है। यह पहली बार है जब हरियाणा में पुलिस महानिदेशक सहित इतने वरिष्ठ अधिकारियों कि खिलाफ इस तरह का मामला दर्ज किया गया है।

श्री पूरन कुमार की पत्नी एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने प्राथमिकी पर आपत्ति जताई है। उन्होंने पुलिस को आवेदन देकर कहा कि आरोपियों के नाम कॉलम में स्पष्ट नहीं लिखे गये हैं और प्राथमिकी को निर्धारित प्रारूप में दर्ज किया जाये। इसको लेकर उनकी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कंवरदीप कौर से तीखी बहस भी हुई।

दलित संगठन पुलिस महानिदेशक और रोहतक के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। अनुसूचित जाति वर्ग के भारतीय प्रशासनिक सेवा और भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों ने श्री पूरन कुमार के परिवार का समर्थन किया है। उनका कहना है कि श्री पूरन कुमार को अहम पद मिलने से कुछ अधिकारी नाराज थे और उन्हें लंबे समय से प्रताड़ित किया जा रहा था।

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