रांची , नवम्बर 13 -- राजधानी रांची के इटकी प्रखंड के कुल्ली में आज 112 वां ऐतिहासिक हड़गड़ी जतरा सह सांस्कृतिक कार्यक्रम में झारखंड की कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुई।

न्यू स्टूडेंट क्लब के द्वारा हर साल पूर्वजों की याद में इस जतरा का आयोजन किया जाता है। जतरा में अलग - अलग खोड़हा में थिरकते लोग अपनी ऐतिहासिक परंपरा और विरासत की गवाही दे रहे थे। कृषि मंत्री भी महिलाओं के साथ खोड़हा में थिरकती नजर आई।

सुश्री तिर्की ने इस मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आपके पास चाहे जितना भी धन हो, पैसा हो गाड़ी हो, मकान हो, पर पुरखों की विरासत से बड़ा कोई धन नहीं। एक दिन हर किसी को यहीं पर सबकुछ छोड़ कर जाना है। लेकिन पुरखों की विरासत पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ती रहेगी।

मंत्री ने कहा कि ऐसा इस लिए क्यूंकि आदिवासी समाज सामूहिकता और एकता पर विश्वास रखता है। आदिवासी समाज एक संतुष्ट समाज है। खुद को आदिवासी कहने वालों को सबसे पहले पुरखों के बताए रास्ते पर चलने , उनके सिद्धांत को अपनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आदिवासी के पास उसकी जमीन है तो वो जीवित है और अगर जमीन नहीं बचेगा, तो फिर अस्तित्व पर संकट है.आज के दौर में आदिवासीय को बचाए रखने की सबसे बड़ी जिम्मेवारी युवाओं के कंधों पर है। समाज के युवा पीढ़ी को मोबाइल की दुनिया में व्यस्त रहने के बजाय अपनी जमीन के खतियान को जानना और समझना होगा। क्योंकि इसी जमीन से उसकी पहचान है, उसकी विरासत बरकरार है।

इस अवसर पर कोयंदा लकड़ा, सुबोध लकड़ा, विनय उरांव , मनोज लकड़ा , रमेश महली , ज्योत्सना केरकेट्टा, मंजीत लकड़ा , रोहित लकड़ा , सुनील , प्रिंस लकड़ा सहित अन्य उपस्थित थे।

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