लखनऊ , नवंबर 14 -- इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने एलडीए के विहित प्राधिकारी को आदेश दिया है कि वह पीजीआई के आसपास अतिक्रमण संबंधी मामले का दो माह में निस्तारण करें। इसी के साथ अपर आयुक्त (प्रशासन), लखनऊ को भी निर्देशित किया है कि उक्त के संबंध में जो अपील उनके समक्ष विचाराधीन है, उसका भी दो माह में निस्तारण किया जाए।
न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति राजीव भारती की खंडपीठ ने यह आदेश स्थानीय निवासी प्रेम शंकर पांडेय की वर्ष 2018 में दाखिल जनहित याचिका पर दिया है। याचिका में राजधानी के अस्पतालों के आस-पास से अतिक्रमण हटाने का आदेश देने का आग्रह किया गया था। साथ ही पीजीआई के मेन गेट के सामने और आस पास अतिक्रमण को हटाए जाने की गुजारिश की गई थी। जिससे वहां खास तौर पर एम्बुलेंस व अन्य जरूरी वाहनों व लोगों का आवागमन सुचारु हो सके।
सुनवाई के दौरान कोर्ट को यह भी बताया गया कि अब पीजीआई के आसपास कोई अतिक्रमण नहीं है। वहां दूसरा गेट भी खोल दिया गया है। एलडीए के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि कुछ दुकानदारों के मामले विहित प्राधिकारी के समक्ष लम्बित हैं। कोर्ट ने इन मामलों का दो माह में निपटारा करने के निर्देश देकर याचिका निस्तारित कर दी।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित