नयी दिल्ली , अक्टूबर 06 -- केन्द्र सरकार ने सोमवार को प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केन्द्र (पीएमबीजेके) रिटेलर्स एसोसिएशन को जीरो डिस्टेंस नीति पर पुनर्विचार करने का आश्वासन दिया है।
फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेज़ ब्यूरो ऑफ इंडिया (पीएमबीआई) के सचिव और सीईओ ने रिटेलर्स एसोसिएशन के 10 राज्यों के प्रतिनिधिमंडल को यहां मुलाकात के दौरान यह आश्वासन दिया ।
एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रशांत कुमार सिंह और महासचिव सुरेश मित्तल ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बैठक सकारात्मक और रचनात्मक रही है। जीरो डिस्टेंस नीति के साथ ही जन औषधि केन्द्रों के संचालन और स्थायित्व से जुड़ी प्रमुख समस्याओं पर चर्चा की गयी।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालाय के तहत फार्मास्युटिकल्स विभाग के सचिव अमित अग्रवाल ने विभाग के संयुक्त सचिव सत्यप्रकाश टी एल और पीएमबीआई के सीईओ सुवासिश दास की मौजूदगी में एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल की बातों को गंभीरता से सुनने के बाद जीरो डिस्टेंस नीति पर पुनर्विचार करने का आश्वासन दिया। इसके साथ ही उन्होंने 22 सितंबर से जीएसटी दरों में की गयी कमी से जन औषधि केन्द्रों को पहले खरीदे गये स्टॉक पर हुये नुकसान की भरपाई की बात भी कही।
उन्होंने यह भी कहा कि पीएमबीआई और विभाग का लक्ष्य इस योजना को और सशक्त बनाना है ताकि हर नागरिक तक सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएँ निरंतर उपलब्ध हो सकें। श्री मित्तल ने कहा कि जीरो डिस्टेंस नीति से मौजूदा केंद्रों की आर्थिक स्थिरता और संचालन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। जीएसटी दर में कमी से पुराने स्टॉक पर लगभग सात प्रतिशत तक का सीधा नुकसान हुआ है, जिससे प्रत्येक केंद्र को औसतन 25,000 रुपये तक की हानि झेलनी पड़ी है।
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