खरगोन , नवम्बर 13 -- मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के भीकनगांव अनुविभाग के पिपराड़ गांव में दूषित पानी के सेवन से डायरिया फैलने का मामला सामने आया है। गांव में अब तक 150 से अधिक लोग प्रभावित हो चुके हैं।

भीकनगांव एसडीएम आकांक्षा करोठिया ने बताया कि सूचना मिलते ही स्वास्थ्य, पीएचई, राजस्व और पंचायत विभाग की संयुक्त टीम गांव पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि बुधवार को टीम ने डोर-टू-डोर सर्वे कर ग्रामीणों की जांच की तथा प्रभावितों को आवश्यक दवाएं वितरित की गईं।

उन्होंने कहा कि नल-जल योजना के जल स्रोत कुएं से पानी लेना प्रतिबंधित कर दिया गया है और अब टैंकरों के माध्यम से स्वच्छ पानी की आपूर्ति की जा रही है। अधिकांश मरीजों को गांव में ही उपचारित किया गया है, जबकि गंभीर मरीजों को भीकनगांव के शासकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सभी की हालत फिलहाल सामान्य बताई जा रही है।

एसडीएम ने बताया कि प्रारंभिक जांच में दूषित जल सेवन को कारण माना जा रहा है, हालांकि पानी के नमूने की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।

भीकनगांव के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. विजय वर्मा ने बताया कि सर्वे के दौरान 464 घरों की जांच की गई, जिसमें 167 मरीज डायरिया से संबंधित लक्षणों जैसे उल्टी, दस्त और पेट दर्द से पीड़ित पाए गए। इनमें से 10 मरीजों को भीकनगांव के अस्पताल भेजा गया है।

उन्होंने बताया कि पीएचई विभाग ने जल स्रोत कुएं के सैंपल लिए हैं, जबकि स्वास्थ्य विभाग ने पंचायत के वॉटर टैंक और दो घरों के नल के पानी के नमूने एकत्र किए हैं। साथ ही चार मरीजों के स्टूल और स्वैब सैंपल भी जांच के लिए भेजे गए हैं।

ग्राम की निवासी गंगाबाई ने बताया कि पिछले तीन दिनों से पूरे गांव में यह परेशानी बनी हुई है और नल का पानी पीने के बाद ही लोगों को दिक्कतें शुरू हुईं।

खरगोन सीएमएचओ डॉ. दौलत सिंह चौहान ने बताया कि सोमवार से मरीजों की संख्या बढ़नी शुरू हुई थी, जो मंगलवार और बुधवार को अधिक हो गई। फिलहाल सभी मरीजों की स्थिति स्थिर है। उन्होंने भी आशंका जताई कि समस्या सप्लाई वाटर की खराबी के चलते उत्पन्न हुई है।

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