बैतूल , अक्टूबर 27 -- मध्यप्रदेश में बैतूल जिले के आमला के एक शिक्षक विजय सोलंकी ने अपने पिता की स्मृति में समाजसेवा की अनूठी मिसाल पेश की है। अपने स्वर्गीय पिता दुलीचंद सोलंकी की श्रद्धांजलि सभा में उन्होंने पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ दो सामाजिक संस्थाओं को दान स्वरूप राशि भेंट कर सभी को प्रेरित किया।
विजय सोलंकी ने कहा कि "पिता शब्द अपने आप में संस्कृति और संस्कारों की पूरी किताब है। उनका प्रभाव जीवनभर मनुष्य के आचरण में दिखाई देता है।" उन्होंने आगे कहा कि पिता के जाने के बाद भी उनके संस्कार और मूल्यों की विरासत पुत्र के माध्यम से समाज में अपनी आभा बिखेरती रहती है।
श्रद्धांजलि कार्यक्रम के दौरान सोलंकी ने जनसेवा कल्याण समिति को Rs.1100 की राशि दान की, जो मोक्षधाम के कायाकल्प और 'महाकाल की बगिया' के विकास कार्यों में उपयोग की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत विजय श्री शिक्षण सोसायटी, आमला को भी Rs.1100 का सहयोग प्रदान किया। उनकी यह पहल न केवल पिता के संस्कारों को जीवित रखने का उदाहरण है, बल्कि समाज में सेवा, सहयोग और संवेदनशीलता की भावना को सशक्त करने वाला प्रेरक संदेश भी देती है।
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