विनय कुमार सेपटना, नवंबर 04 -- बिहार में अपनेपरिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ने के लिए चुनावी मैदान में उतरी जनता दल (यूनाइटेड) की कोमल सिंह ने अपने तेजतर्रार प्रचार और नई सोच से गायघाट विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं को आकर्षित किया है।

सुश्री सिंह गायघाट क्षेत्र का कायाकल्प करने के विचार और विकास की नई सोंच के साथ मैदान में उत्तरी हैं तथा जनता के बीच लगातार पसीना बहा रही हैं। सांसद वीणा सिंह और विधान परिषद सदस्य दिनेश प्रसाद सिंह की बेटी कोमल को जदयू ने मुजफ्फरपुर जिले के गायघाट से चुनावी मैदान में उतारा है।

गायघाट विधानसभा चुनाव क्षेत्र में मोटरसाइकिल से कोमल सिंह धुआंधार चुनाव प्रचार कर रही है। सुश्री सिंह से जब यूनीवार्ता ने प्रचार के दौरान यह पूछा की गायघाट को लेकर आपकी क्या सोंच है और किस तरीके से यहां आप बदलाव लाएंगी, तो उन्होंने कहा कि बिहार में पिछले 20 वर्षों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विकास का एक नया रोडमैप दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास मॉडल को बिहार के अलग अलग इलाकों में उतारा गया है, लेकिन गायघाट जैसे इलाके में महागठबंधन का विधायक होने की वजह से क्षेत्र 20 वर्ष पीछे चला गया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह का विकास पूरे बिहार में दिख रहा है, उसी सडक गायघाट को भी लाना है।

यह पूछने पर कि बिहार की जनता फिर से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) पर क्यों विश्वास करे , सुश्री कोमल कहती हैं कि एनडीए ने साबित किया है कि बिहार में विकास की नई धारा बह रही है और जंगलराज का खात्मा हुआ है। उन्होंने कहा कि विकास की पुरानी पहचान शिक्षा, संस्कार और बेहतर जिंदगी प्रदेश में वापस लौटी है। उन्होंने कहा कि एनडीए इसलिए जरुरी है कि बिहार में घटा हुआ अपराध धीरे धीरे शून्य हो जाये। उन्होंने कहा कि बिहार में शहरों से लेकर कस्बों तक विकास एनडीए सरकार की देन है। बिहार की जनता भी जानती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्माई नेतृत्व ने देश का मान बढ़ाया है और बिहार भी उसमें पीछे नहीं है।

बिहार में जातिवाद हर चुनाव में हावी रहता है, इस प्रश्न के उत्तर में सुश्री कोमल कहती है कि बिहार की जनता अब जात पात से ऊपर उठ चुकी है। यहां सिर्फ लोग अब विकास की बात करते हैं। बिहार के लोगों ने कौशल विकास से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं को एनडीए सरकार के काल में देखा है, इसलिए उन्हें अब जाति से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि सोच बदल रही है और चुनाव में यह परिवर्तन भी साफ तौर पर दिखेगा। गायघाट की जनता पुराने विधायक से उब चुकी है और अब वह विकास के इंतजार में जाति से उपर उठकर एनडीए को समर्थन देगी।

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