पटियाला , नवंबर 29 -- पंजाब राज विद्युत बोर्ड (पावरकॉम) अभियंता दो दिसंबर से आंदोलन शुरू करेंगे और आंदोलन का आखिरी रूप पटियाला में एक राज्य स्तरीय विरोध बैठक में तय किया जाएगा।

पंजाब राज बिजली कर्मचारी संघ के महासचिव अजय पाल सिंह अटवाल ने शनिवार को बताया कि यह पहली बार है जब एसोसिएशन ने ऐसी बैठक की योजना बनायी है। इस बैठक में पूरे पंजाब से सेवानिवृत्त आजीवन सदस्य और दूसरे जाने-माने लोगों समेत 1000 से ज़्यादा इंजीनियर शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इंजीनियर हाल की मनमानी कार्रवाइयों, पावर सेक्टर की प्रॉपर्टी की बिक्री, पावर सेक्टर में नेताओं की बढ़ती दखलअंदाज़ी, बिजली संशोधन विधेयक, 2025 के बारे में कोई कार्रवाई न करने और टेक्निकल ऑटोनॉमी के खत्म होने के खिलाफ़ अपना कड़ा गुस्सा दिखाएंगे।

मुख्य मांगों में पीएसपीसीएल/ पीएसटीसीएल संपत्ति और संपदा की बिक्री पर तुरंत रोक लगाना, रोपड़ में स्टेट सेक्टर के दो 800 मेगावाट सुपरक्रिटिकल यूनिट लगाने का प्रोसेस फिर से शुरू करना, रोपड़ थर्मल के चीफ इंजीनियर का सस्पेंशन बिना शर्त वापस लेना और डायरेक्टर/जेनरेशन पीएसपीसीएल को बिना सबूत और मनगढ़ंत टेक्निकल डेटा के आधार पर अचानक हटाना, पॉलिटिकल दखलअंदाज़ी रोकना और पावर सेक्टर के टेक्निकल और एडमिनिस्ट्रेटिव फैसलों में प्राइवेट कंसल्टेंट्स की भागीदारी पर रोक लगाना शामिल है।

एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री, ऊर्जा मंत्री, सीएमडी पीएसपीसीएल, सचिव पावर समेत संबंधित अधिकारियों को बैठक और पत्रों के ज़रिए अपनी चिंताएं बतायी हैं, लेकिन, आज तक कोई सुधारात्मक कार्रवाई नहीं की गयी है, जिससे इंजीनियरों को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है।

श्री अटवाल ने कहा कि बिजली मंत्री के पास पीएसपीसीएल के किसी भी निदेशक या किसी दूसरे वरिष्ठ अभियंता को खुद से हटाने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। नियमों के मुताबिक, फुल टाइम मेंबर्स की कमेटी वरिष्ठ अभियंता और उससे ऊपर के अधिकारियों पर डिसिप्लिनरी एक्शन लेने के लिए अधिकारित है। इसके अलावा, कंपनीज़ एक्ट 2013 - पीएसपीसीएल के आर्टिकल ऑफ़ एसोसिएशन के मुताबिक, सिर्फ़ सिलेक्शन कमेटी ही पीएसपीसीएल के किसी भी निदेशक को हटाने की सिफारिश कर सकती है।

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