कोलकाता , नवंबर 12 -- पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने राज्य विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में भाग लेने की इच्छा जताई है जिसकी वजह से तृणमूल कांग्रेस में असहजता उत्पन्न हो सकती है।

श्री पार्थ चटर्जी तीन साल से ज़्यादा समय तक जेल में रहने के बाद मंगलवार को जेल से रिहा हुए हैं। उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 23 जुलाई, 2022 को स्कूल भर्ती घोटाले में गिरफ्तार किया था। उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को भी उनके टॉलीगंज और बेलघरिया स्थित फ्लैटों से लगभग 50 करोड़ रुपये बरामद होने के बाद गिरफ्तार किया गया था।

पार्टी से निलंबित श्री चटर्जी बेहाला पश्चिम से विधायक हैं। उन्होंने अपने करीबी सहयोगियों से कहा है कि वह एक निर्दलीय विधायक के रूप में विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेना चाहते हैं।

श्री चटर्जी के विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने की चाहत से ही सत्तारूढ़ खेमे में बेचैनी है। लेकिन उनके एक और कृत्य ने सत्तारूढ़ दल की बेचैनी को बढ़ा दिया है। रिहाई के तुरंत बाद चटर्जी ने मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी को एक पत्र लिख पार्टी से अपने निलंबन की वैधता पर सवाल उठाया है।

इस पत्र की प्रतियां तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बख्शी को भी भेजी गई हैं।

इस पत्र में श्री चटर्जी ने पार्टी संविधान के उस विशिष्ट नियम के बारे में जानना चाहा जिसके तहत उन्हें निलंबित किया गया था। उन्होंने सवाल किया, "मुझे विभिन्न मीडिया रिपोर्टों से पता चला कि मुझे पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। पार्टी संविधान के किस प्रावधान के तहत यह फैसला लिया गया?"श्री अभिषेक बनर्जी को "नया कमांडर" बताते हुए कभी पार्टी के शक्तिशाली महासचिव रहे इस नेता ने अपनी निराशा व्यक्त की कि नेतृत्व ने उनसे दूरी बना ली है, जबकि उनके शब्दों में, "इसी तरह के आरोपों में फंसे अन्य लोगों का साथ दिया जा रहा है।"उनके करीबी लोगों के अनुसार, यह पत्र या तो उनके अस्पताल में रहने के दौरान या हिरासत में रहने के दौरान लिखा गया था, और मंगलवार दोपहर उनके नकटला स्थित घर लौटने के बाद ही भेजा गया था।

श्री चटर्जी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जुलाई, 2022 में गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के एक हफ्ते के भीतर, चटर्जी से उनके मंत्री और संगठनात्मक दायित्व छीन लिए गए, और अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी अनुशासन समिति ने उन्हें "जांच पूरी होने तक" निलंबित करने का फैसला किया।

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