इस्लामाबाद , अक्टूबर 31 -- पाकिस्तान ने उम्मीद जतायी है कि तालिबानी के साथ होने वाली तीसरे दौरे की वार्ता सार्थक होगी। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अगले सप्ताह तुर्की के इस्तांबुल में तालिबान के साथ होने वाली तीसरे दौर की वार्ता से पहले शुक्रवार को आशा व्यक्त की कि इस दौर की बातचीत से "सकारात्मक परिणाम" निकलेंगे।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ताहिर अंदाराबी ने यहाँ कहा कि वार्ता को दो दिनों से बढ़ाकर चार दिन कर दिया गया है क्योंकि दोनों पक्ष मतभेदों को दूर करने और आम सहमति पर पहुँचने का प्रयास कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को उम्मीद है कि छह नवंबर से शुरू होने वाले तीसरे दौर की वार्ता से "ठोस परिणाम" निकलेंगे।

उन्होंने कहा कि नवीनतम बैठक बिना किसी सफलता के समाप्त हुई, लेकिन मौजूदा युद्धविराम को जारी रखने के लिए आपसी सहमति बनी।

इस बीच तुर्की के विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों (पाकिस्तान-अफगानिस्तान) प्रतिनिधिमंडल युद्धविराम को बनाए रखने के लिए एक सामान्य सहमति पर पहुँच गए हैं। इसे बनाए रखने पर बातचीत नवंबर में फिर से शुरू होगी। उन्होंने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान की धरती का इस्तेमाल उन उग्रवादी समूहों को पनाह देने के लिए नहीं किया जाना चाहिए जो पाकिस्तान के सशस्त्र बलों को निशाना बना रहे हैं और कई सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान तालिबान के साथ सशस्त्र टकराव नहीं चाहता, बल्कि वह उम्मीद करता है कि अफगानिस्तान अपने "अंतरराष्ट्रीय दायित्वों" को पूरा करेगा और खैबर पख्तूनख्वा में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के उग्रवादियों और बलूचिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) जैसे बलूच विद्रोही संगठनों के खिलाफ "कार्रवाई" करके पाकिस्तान की "वैध सुरक्षा चिंताओं" का समाधान करेगा।

उन्होंने कहा, "पिछले चार वर्षों से पाकिस्तान लगातार तालिबान से अफगान क्षेत्र से सक्रिय आतंकवादी तत्वों के खिलाफ निर्णायक और प्रभावी कदम उठाने का आग्रह करता रहा है।" उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के अंदर टीटीपी नेताओं और बलूच अलगाववादियों की मौजूदगी के बारे में अफगानिस्तान के साथ "विश्वसनीय खुफिया जानकारी" साझा की है, सीमा पार से हमले लगातार बढ़ रहे हैं।

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