चंडीगढ़ , अक्टूबर 02 -- पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी एवं कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने गुरुवार को कहा कि राज्य ने चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर 2025) के दौरान कुल 13,971 करोड़ रुपये की वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) प्राप्तियां दर्ज कीं, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में दर्ज किये गये 11,418 करोड़ रुपये के मुकाबले 22.35 प्रतिशतअधिक है।
यहां जारी प्रेस बयान में श्री चीमा ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में राज्य ने पिछले वर्ष की तुलना में जीएसटी राजस्व में 2,553 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की है। उन्होंने कहा कि राज्य की वर्ष-दर-वर्ष जीएसटी वृद्धि दर, जो वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में केवल पांच प्रतिशत थी, वह वित्तीय वर्ष 2025-26 में बढ़कर 22.35 प्रतिशत हो गयी है। उन्होंने कहा, " जीएसटी के अलावा, वैट और सीएसटी के तहत प्राप्तियों में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि पंजाब राज्य विकास कर (पीएसडीटी) ने सितंबर 2025 के दौरान पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 11 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।"हालिया जीएसटी तार्किकीकरण (राशनलाइजेशन) के प्रभाव का उल्लेख करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि पंजाब का प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक मज़बूत रहा है। उन्होंने कहा, "जबकि अधिकांश अन्य राज्यों ने सितंबर 2025 में नकारात्मक वृद्धि दर दर्ज की, पंजाब ने लचीलापन दिखाते हुए दो अंकों की वृद्धि दर हासिल की। केवल सितंबर 2025 में ही राज्य ने 2,140.82 करोड़ रुपये की प्राप्ति दर्ज की, जो सितंबर 2024 के 1,943 करोड़ रुपये की तुलना में 197.82 करोड़ रुपये अधिक है और 10 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाता है।
मंत्री ने कहा कि कराधान विभाग ने अप्रैल से सितंबर 2025 तक कर चोरी के खिलाफ अपने प्रवर्तन अभियानों को और तेज किया। उन्होंने बताया कि इस अवधि में 1,162 करदाताओं के बीच हुए 246 करोड़ रुपये के अवैध इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) को रोका गया। इसके अलावा, फर्जीवाड़ा नेटवर्क के खिलाफ चार बड़ी एफआईआर दर्ज की गईं, जिनमें लुधियाना में 500 करोड़ रुपये और फतेहगढ़ में 550 करोड़ रुपये के घोटाले शामिल हैं।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित