अहमदाबाद , अक्टूबर 07 -- पश्चिम रेलवे ने लिफ्टों, एस्केलेटरों और अर्थिंग पिट्स के लिए स्मार्ट डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम 'सुगम रेल' लॉन्च किया है।

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी विनीत अभिषेक की ओर से मंगलवार को यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार पश्चिम रेलवे ने डिजिटल गवर्नेंस तथा यात्री सुरक्षा के क्षेत्र में एक और उपलब्धि अर्जित की है। सुगम रेल भारतीय रेल पर अपनी तरह का पहला सॉफ्टवेयर आधारित प्लेटफॉर्म है, जिसे लिफ्टों, एस्केलेटरों और अर्थिंग पिट्स की रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए डिजाइन किया गया है।

यह एप्लिकेशन पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक विवेक कुमार गुप्ता के नेतृत्व में विकसित किया गया है, जिसका उद्देश्य मुख्य सुरक्षा और रखरखाव प्रणालियों में प्रौद्योगिकी को एकीकृत करना है। इससे पहले लिफ्टों, एस्केलेटरों और अर्थिंग अवसंरचना का पर्यवेक्षण कई डिपो में बनाए गए मैनुअल रजिस्टरों पर निर्भर था, जिसके कारण खराबी का पता लगाने में देरी, फ्रेगमेंटेड रिपोर्टिंग और सीमित जवाबदेही होती थी।

सुगम रेल के कार्यान्वयन के साथ पश्चिम रेलवे में 470 से अधिक लिफ्ट/एस्केलेटर और लगभग 21,500 अर्थिंग पिट अब एक एकीकृत डिजिटल डैशबोर्ड के अंतर्गत आ गए हैं, जो मंडल और मुख्यालय स्तर पर अधिकारियों के लिए सुलभ है। यह प्रणाली उपकरणों की स्थिति की चौबीसों घंटे निगरानी सुनिश्चित करती है। बार-बार होने वाली खराबी या अतिदेय निरीक्षणों को स्वचालित रूप से चिह्नित करती है और उच्च अनुपालन के साथ समय पर हस्तक्षेप को सक्षम बनाती है। यह परिसंपत्ति-वार और कारण-वार विस्तृत विफलता विश्लेषण प्रदान करती है, जबकि विफलताओं के बीच औसत समय (एमटीबीएफ) और रखरखाव अनुपालन दर जैसे प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (केपीआई) का उपयोग परिसंपत्ति विश्वसनीयता का आकलन करने के लिए किया जाता है।

अपने परिचालन लाभों के अलावा, यह पहल यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को भी महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाती है। लिफ्ट और एस्केलेटर के प्रदर्शन की डिजिटल ट्रैकिंग, ब्रेकडाउन पर तेज़ी से ध्यान देने में मदद करती है, जिससे वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजन यात्रियों और बच्चों के साथ यात्रा करने वाली महिलाओं को लाभ होता है। साथ ही, अर्थिंग प्रतिरोध की संरचित निगरानी विद्युत खतरों को रोकने में मदद करती है और स्टेशनों और रेलवे प्रतिष्ठानों पर सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करती है। भौतिक रजिस्टरों को डिजिटल, एनालिटिक्स-समर्थित तंत्र से बदलकर, पश्चिम रेलवे ने रेलवे अवसंरचना प्रबंधन में एक नया मानदंड स्थापित किया है।

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